महाराष्ट्र- झारखंड के चुनाव के नतीजे घोषित

प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 7 सीटों पर भाजपा गठबंधन ने जीत दर्ज की है। आज हुई मतगणना में फूलपुर, कटेहरी ,मझवां, कुंदरकी, गाज़ियाबाद और खैर सीट से भाजपा प्रत्याशी विजयी हुए और मीरापुर सीट से रालोद प्रत्याशी को कामयाबी मिली है। करहल और सीसामऊ सीट समाजवादी पार्टी के पाले में आई हैं।  प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। गाज़ियाबाद सीट से भाजपा के संजीव शर्मा ने सपा के सिंह राज जाटव को करीब 70 हज़ार मतों से पराजित किया। वहीं अलीगढ़ की खैर सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेंदर दिलेर ने सपा प्रत्याशी चारू कैन को करीब 38 हज़ार वोटों से हराया। प्रयागराज की फूलपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल ने सपा उम्मीदवार मुजतबा सिद्दीकी को लगभग 11हज़ार मतों से हराया। वहीं कुंदरकी सीट परभाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने सपा उम्मीदवार मोहम्म्द रिज़वान को लगभग 1 लाख 40 हज़ार वोटों से शिकस्त दी। कटहरी सीट पर भाजपा ने 1990 के बाद पहली बार जीत दर्जकी इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने सपा की शोभावती वर्मा को तकरीबन 34हज़ार वोटों से हरा दिया.। वहीं मंझवा सीट से भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य ने सपा प्रत्याशी ज्योति बिंद को करीब 5 हज़ार वोटों से हरा दिया। करहल सीट से सपा के तेजप्रताप यादव ने भाजपा के अनुजेश पटेल को 14 हज़ार मतों से हराया। वहीं सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी की नसीम सोलंकी ने भाजपा के सुरेश अवस्थी को लगभग 8 हज़ार वोटों से हरा दिया। उधर मुज़फ्फ्रनगर की मीरापुर सीट से रालोद प्रत्याशी मिथलेशपाल ने सपा की सुंबुल राणा को करीब 30 हज़ार वोटों से पारजित किया।   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। उन्होंने आज लखनऊ में प्रेसवार्ता कर कहा कि प्रधानमंत्री पर लोगों को अटूट विश्वास है। ये जीत उसी का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की विजय, जो सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को प्राप्त हुई है, ये उत्तर प्रदेश की ओर से प्रधानमंत्री मोदी जी के अभियान को यह सात कमल भी उस पूरे अभियान के प्रति समर्पित है। इसमें मीरापुर,  गाजियाबाद, कुंदरकी, खैर, कटहरी, मझवां और फूलपुर की जनता जनार्दन ने यह जनादेश भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दिया है । हम सब उनका आभार व्यक्त करते है।  उधर, महाराष्ट्र की 288 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। भाजपा 133 सीटों पर आगे है, शिवसेना शिंदे गुट 57 और एनसीपी 41 सीटों पर आगे चल रही है। दूसरी और शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे 20 सीटों, कांग्रेस 15 सीटों और एनसीपी-शरद पवार 10 सीटों पर आगे चल रही है। समाजवादी पार्टी दो सीटों और अन्य पार्टियां और निर्दलीय 10 सीटों पर आगे चल रहे हैं।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से महाराष्ट्र में एनडीए को ऐतिहासिक जनादेश देने के लिए जनता का आभार जताया है। उन्होंने विश्वास जताया कि महायुति गठबंधन महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा।   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में भाजपा-महायुति को मिली ऐतिहासिक विजय पर कहा कि यह जीत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में सुरक्षा, समृद्धि एवं सुशासन पर जनता-जनार्दन का आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि यह जो जनादेश महाराष्ट्र के अंदर प्राप्त हुआ है, यह राम और राष्ट्र के आराधक आदरणीय प्रधानमंत्री जी के   नेतृत्व को नए भारत के नए महाराष्ट्र के विश्वास की मोहर है। छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों की विजय है और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने वालों की यह एक पराजय भी है। आज एक बार फिर से स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता को मोदी जी की नीति, उनकी नियत, उनके नेतृत्व और उनके निर्णयों पर अटूट विश्वास है।  झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव आयोग के अनुसार, इंडी गठबंधन 56 सीटों पर आगे है, जबकि एनडीए 25 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है।

महानायक रतन टाटा

रतन टाटा न केवल एक महान उद्योगपति हैं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके मूल्यों और सिद्धांतों ने उन्हें आज के समय का प्रेरणास्रोत बना दिया है। उनकी दूरदर्शिता, नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का अद्वितीय दृष्टिकोण उन्हें अन्य उद्योगपतियों से अलग करता है। उनका जीवन संघर्ष, सफलता और सादगी का प्रेरणादायक उदाहरण है, जिसे हर पीढ़ी को सीखने और अनुसरण करने की आवश्यकता है। रतन टाटा भारतीय उद्योग जगत के लिए एक धरोहर हैं, और उनके योगदान से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी।
१९९१ में, रतन टाटा ने जे.आर.डी. से नए नेता के रूप में पदभार संभाला। टाटा, टाटा संस के नेता हैं, जो टाटा समूह की मालिक कंपनी है। इस दौरान, भारत में अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव हुए, और रतन के पास इन महत्वपूर्ण बदलावों के माध्यम से समूह का नेतृत्व करने का कठिन काम था। उन्होंने परिचालन को और अधिक सुचारू रूप से चलाने, मुख्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करने और दुनिया भर में बढ़ने के लिए एक परियोजना शुरू की। उनके मार्गदर्शन में टाटा समूह ने अपनी योजनाओं में बड़े बदलाव किए। रतन ने कारोबार के उन हिस्सों को बेच दिया जो उतने महत्वपूर्ण नहीं थे और इसके बजाय स्टील, कार, फोन और कंप्यूटर सेवाओं जैसे उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया। वह टाटा को पूरी दुनिया में एक बड़ी कंपनी बनाना चाहते थे और उन्होंने यह काम बखूबी किया।
नुसीरवानजी टाटा (१८२२–१८८६): नुसीरवानजी टाटा, टाटा परिवार के पितामह थे. उनकी पत्नी जीवनबाई कावसजी टाटा, और उनके पांच बच्चे थे जमशेदजी टाटा, रतनबाई टाटा, मानेकबाई टाटा, और वीरबाईजी टाटा थे. नुसीरवानजी टाटा के पुत्र और टाटा समूह के संस्थापक थे. जमशेदजी टाटा ने १८७० के दशक में मध्य भारत में एक कपड़ा मिल से टाटा समूह की शुरुआत की. उन्हें ‘भारतीय उद्योग के जनक’ के रूप में जाना जाता है. उन्होंने स्टील (टाटा स्टील), होटल (ताजमहल होटल), और जलविद्युत जैसे प्रमुख उद्योगों की नींव रखी. रतन टाटा ने टाटा समूह को दुनिया भर में मशहूर करके एक बड़ा काम किया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण खरीद की, जिससे टाटा समूह पूरी दुनिया में मशहूर हो गया। २००० में टाटा टी ने ब्रिटेन से टेटली टी को खरीदा, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी चाय कंपनियों में से एक बन गई। इसके बाद २००४ में टाटा मोटर्स ने दक्षिण कोरियाई ट्रक कंपनी देवू कमर्शियल व्हीकल्स को खरीदा।
२००७ और २००८ में टाटा ने कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण खरीददारी की। उन्होंने ब्रिटिश स्टील निर्माता कोरस और ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को खरीदा। इन बदलावों ने समूह की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया और बाजार में उनकी पहचान को और मजबूत बना दिया। रतन टाटा को नए विचार और तकनीक को बेहतर बनाना बहुत पसंद था। उन्होंने टाटा समूह के भीतर नए विचार लाने और चीजों को बेहतर बनाने की संस्कृति को बढ़ावा दिया। उनके द्वारा बनाई गई सबसे मशहूर चीजों में से एक टाटा नैनो कार थी, जो २००८ में आई थी। दुनिया की सबसे कम कीमत वाली कार के रूप में विज्ञापित, नैनो को कई भारतीय परिवारों को सस्ता परिवहन देने के लिए बनाया गया था। हालाँकि इसमें कुछ समस्याएँ थीं, लेकिन नैनो कार दिखाती है कि कैसे रतन टाटा का सभी के लिए नवाचार का विचार सफल रहा।
अपने व्यवसाय के अलावा, कई लोग रतन टाटा की दूसरों की मदद करने और समाज के लिए अच्छा करने के प्रति समर्पण के लिए प्रशंसा करते हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से समाज की मदद करना जारी रखा। टाटा ट्रस्ट्स, जो टाटा संस में अधिकांश शेयरों का मालिक है, ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों का समर्थन करने के लिए धन देने में बड़ी भूमिका निभाई है। रतन टाटा कई चैरिटी कार्यों में सीधे तौर पर शामिल रहे हैं। उन्होंने कोलकाता में टाटा मेडिकल सेंटर बनाने में मदद की, जो कैंसर का अच्छा इलाज करता है। उन्होंने आपदाओं, खेती और स्कूलों के लिए पैसे और सहायता देकर भारत और अन्य जगहों पर कई लोगों की मदद की है। उनकी मदद ने कई लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव किया है।
रतन टाटा ने व्यवसायों और समुदायों के लिए जो अच्छे काम किए हैं, उन्हें कई लोगों ने देखा और सराहा है। उन्होंने पद्म भूषण (२०००) और पद्म विभूषण (२००८) जैसे कई पुरस्कार और सम्मान जीते हैं, जो भारत में नागरिकों को दिए जाने वाले दो सर्वोच्च पुरस्कार हैं। उन्हें अपने व्यवसाय और दान कार्यों के लिए अन्य देशों और संगठनों से और भी पुरस्कार मिले, साथ ही मानद उपाधियाँ भी मिलीं।
२०१२ में रतन टाटा ने टाटा संस के बॉस का पद छोड़ दिया और साइरस मिस्त्री को कमान सौंप दी। लेकिन, उनका प्रभाव और स्थायी प्रभाव अभी भी टाटा समूह को आकार देता है। २०१६ में, साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद वे अस्थायी बॉस के रूप में वापस आए, जिससे पता चलता है कि उन्हें अभी भी कंपनी की परवाह है। जब चीजें बदल रही थीं, तब समूह को एक साथ रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
भले ही रतन टाटा सेवानिवृत्त हो चुके थे , फिर भी वे अलग-अलग भूमिकाओं में व्यस्त रहते थे। वे अभी भी टाटा संस के मानद चेयरमैन थे और सलाह देने और धर्मार्थ कार्य करने में सक्रिय थे। उन्हें नए व्यवसायों में निवेश करना और उन युवाओं की मदद करना पसंद था, जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि उन्हें नए विचार और व्यवसायों को बढ़ने में मदद करना वाकई पसंद था।

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन

रतन टाटा का 86 की उम्र में निधन:तिरंगे में लपेटकर पार्थिव शरीर नरीमन पॉइंट लाया गया, यहीं शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया है। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके आवास पर ले जाया गया।

रतन टाटा के जीवन की प्रमुख घटनाओं की समयरेखा-

1937:

 रतन टाटा का जन्म हुआ

1955:

 कॉर्नेल विश्वविद्यालय से सात वर्ष की अवधि तक वास्तुकला और इंजीनियरिंग का अध्ययन किया

1962:

वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की

रतन टाटा ने

1975

 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया

1962

 में रतन टाटा को टाटा समूह की प्रवर्तक कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज में नौकरी का प्रस्ताव मिला

रतन टाटा

1991

 से

28 दिसंबर 2012

को अपनी सेवानिवृत्ति तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष रहे

रतन टाटा के कार्यकाल के दौरान समूह का राजस्व कई गुना बढ़ा, सेवानिवृत्ति के बाद, रतन टाटा को टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया

रतन टाटा भारत और विदेशों में विभिन्न संगठनों से भी जुड़े हुए रहे, रतन टाटा मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन और जेपी मॉर्गन चेस के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्डों में भी शामिल रहे

2008

 में रतन टाटा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया

दिसंबर 2012:  टाटा समूह में 50 वर्षों तक रहने के बाद टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटे

नालंदा का पुनरुत्थान: भारत और लाओस का सांस्कृतिक मिलन

बाइट: सोलीडेथ डोआंगचांसी , बौद्ध भिक्षु, लाओस

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर:  भारत और दक्षिण एशिया के बीच सांस्कृतिक संबंध गहरे हैं, विशेषकर बौद्ध धर्म के कारण। हाल ही में, प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर नालंदा विश्वविद्यालय, जो शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र रहा है, लगभग 800 वर्षों बाद फिर से सक्रिय हुआ है।  नालंदा का पुनरुत्थान: भारत और लाओस का सांस्कृतिक मिलन .यह विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म से जुड़े अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है और इसके लाभ लाओस के लोगों को भी मिल रहे हैं। इस तरह, भारत और लाओस के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध और भी मजबूत हो रहे हैं।   नालंदा विश्वविद्यालय, भारत के बिहार राज्य में स्थित, प्राचीन समय का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र था। इसकी स्थापना 5वीं शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के समय हुई। इसे बौद्ध धर्म के अध्ययन के लिए जाना जाता था। यहाँ अनेक देशों के छात्र पढ़ने आते थे, जैसे चीन, तिब्बत, कोरिया और श्रीलंका। यहाँ अनेक पुस्तकालय, छात्रावास और मंदिर थे। 12वीं शताब्दी में, नालंदा पर आक्रमण हुआ, जिससे यह समाप्त हो गया। हाल ही में, 800 सालों के बाद, नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित किया गया है, जो अब एक आधुनिक शिक्षा केंद्र के रूप में कार्यरत है। इसका उद्देश्य नालंदा की प्राचीन ज्ञान परंपरा को फिर से जीवित करना है।

नवरात्रि पर वैष्णो देवी दर्शन को लेकर प्रशासन के खास इंतजाम

नई दिल्ली:  नवरात्रि के दौरान माता के भक्त देश-विदेश के अलग-अलग कोनों से वैष्णों देवी के दरबार में पहुंच रहे हैं। श्री माता वैष्णो देवी धाम इस बार शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर स्वर्ग सा दिखाई दे रहा है। नवरात्रि पर वैष्णो देवी दर्शन को लेकर प्रशासन के खास इंतजाम. कटड़ा  में मौजूद डीडी न्यूज़ संवाददाता अमरेन्द्र गुप्ता के साथ विशेष  बातचीत के दौरान श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा कि इस बार पूरे नवरात्रि में माता वैष्णो देवी धाम में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की यात्रा बेहद खास है क्योंकि हर साल की तरह इस बार भी नवरात्रि पर विशेष तैयारियां की गईं हैं, इसमें श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आरएफआईडी यात्रा कार्ड, स्पेशल प्रसाद, लंगर व्यवस्था, यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम के साथ अन्य आवश्यक सेवाएं शामिल हैं।

चेन्नई के मरीना बीच पर होगा भव्य एयर शो

92वां वायुसेना दिवस समारोह इस बार चेन्नई के मरीना बीच पर मनाया जा रहा है। 21 सालों में पहली बार, चेन्नई वायुसेना दिवस समारोह की मेजबानी करेगा। 06 अक्तूबर को होने वाला इस बार यह समारोह पहले से कहीं ज्यादा भव्य होगा। इस मौके पर मरीना बीच पर एक शानदार एयर शो के साथ भारतीय वायुसेना लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने की भी कोशिश करेगी। 

92वां वायुसेना दिवस समारोह इस बार चेन्नई के मरीना बीच पर मनाया जा रहा है। 21 सालों में पहली बार, चेन्नई वायुसेना दिवस समारोह की मेजबानी करेगा। 06 अक्तूबर को होने वाला इस बार यह समारोह पहले से कहीं ज्यादा भव्य होगा। इस मौके पर मरीना बीच पर एक शानदार एयर शो के साथ भारतीय वायुसेना लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने की भी कोशिश करेगी। वायुसेना के मुताबिक, मरीना बीच पर होने वाले भव्य एयर शो में हिस्सा के लेने के लिए सुलूर, तंजावुर, तांबरम, अरक्कोणम और बेंगलुरु से भारतीय वायुसेना के 72 जहाज उड़ान भरेंगे, जो पूर्वी तट पर मिलेंगे। इस एयर शो में भारत का गौरव कहे जाने वाला स्वदेश में बना लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के साथ-साथ राफेल, मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे अत्याधुनिक फाइटरजेट भी फ्लाईपास्ट में हिस्सा होंगे। इसके अलावा सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम और सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम भी अपने हवाई करतब दिखाएगी। साथ ही, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड औऱ एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव एमके4 भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा नौसेना के P8I और विंटेज डकोटा भी फ्लाईपास्ट में शामिल होंगे। 

भारतीय वायुसेना रविवार को चेन्नई के मरीना बीच पर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज कराने की कोशिश करेगी। सुबह 11 बजे से शुरू होने वाले दो घंटे के एयरशो में लगभग 15 लाख दर्शकों के शामिल होने की उम्मीद है, ऐसे में वायुसेना को उम्मीद है कि एयरशो में इतनी बड़ी संख्या में दर्शकों के हिस्सा लेने से लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्ज कराकर इतिहास बनेगा। इस कार्यक्रम में एयर एक्सरसाइज के अलावा सागर, आकाश, एरोहेड, त्रिशूल, रुद्र और ध्वज जैसी फॉरमेशंस भी दिखाई जाएंगी। 

प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका दौरा समाप्त…

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे को समाप्त कर दिल्ली लौट आए हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लिया, जिसमें QUAD नेताओं की शिखर बैठक और संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ का संबोधन शामिल था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा की शुरुआत शनिवार को फिलाडेल्फिया एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से स्वागत के साथ की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने QUAD शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शामिल हुए। शिखर सम्मेलन में, उन्होंने बताया कि वैश्विक तनाव के समय में सहयोग मानवता के लिए महत्वपूर्ण है। इस दौरान, ‘कैंसर मूनशॉट’ पहल की भी घोषणा की गई, जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर से लड़ना है।

रविवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में 15,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों को संबोधित किया। उन्होंने भारत को अवसरों की भूमि बताते हुए अपने तीसरे कार्यकाल के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को साझा किया। इस दिन उन्होंने बोस्टन और लॉस एंजेलेस में नए वाणिज्य दूतावासों के उद्घाटन की घोषणा भी की। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के शीर्ष CEOs के साथ राउंड टेबल बैठक में भाग लिया, जिसमें उन्होंने भारत की बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा और तकनीकी नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की। बैठक में एडोब, गूगल, IBM, AMD और NVIDIA जैसी 15 प्रमुख अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के CEOs शामिल थे। अपनी यात्रा के अंतिम दिन, प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित किया। उन्होंने वैश्विक नेताओं, विशेष रूप से फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं।

आतिशी दिल्ली की नई सीएम…

अरविंद केजरीवाल के बाद अब दिल्ली का नया सीएम कौन? इस सस्पेंस से पर्दा हट गया. आतिशी दिल्ली की नई सीएम… आतिशी ही दिल्ली की नई सीएम होंगी. अरविंद केजरीवाल ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है. आम आदमी पार्टी विधायक दलों की मंगलवार को बैठक में अरविंद केजरीवाल ने ही आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव पर सबने सर्वसम्मति से हामी भर दी. इस तरह आतिशी अब सीएम की रेस जीत चुकी हैं. सीएम पद की रेस में सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और राखी बिड़ला समेत कई नाम थे, जो अब पिछड़ गए.

इससे पहले शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी. वो 15 साल प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं. वहीं सुषमा स्वराज भी दिल्ली की मुख्यमंत्री रही हैं. हालांकि उनका कार्यकाल महज़ 52 दिन का था. आतिशी के पास अब दिल्ली सरकार में शिक्षा और लोक निर्माण विभाग जैसे प्रमुख विभाग हैं. ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा और रोड्स स्कॉलर आतिशी ने दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा में व्यापक सुधार लाने के लिए आम आदमी पार्टी की प्रमुख मुहिम में बड़े पैमाने पर काम किया है. आतिशी कालकाजी से विधायक हैं.

आतिशी को मनीष सिसोदिया के शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद मंत्री बनाया गया था.  पार्टी के सबसे प्रमुख चेहरा अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के जेल जाने बाद आतिशी ने ही पार्टी को संभाला था. रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने चौंकाने वाली घोषणा करते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा देने का ऐलान किया था. रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “दो दिन बाद, मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. जब तक लोग अपना फैसला नहीं सुना देते, मैं उस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. दिल्ली में चुनाव होने में कुछ महीने बाकी हैं.” अब जनता की अदालत से न्याय मिलेगा और जनता के आदेश के बाद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा. 

गणपति बप्पा की विदाई …

 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का समापन गणपति बप्पा के विसर्जन के साथ होता है. गणपति बप्पा की विदाई … गणेश विसर्जन भाद्रपद मा​ह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को करते हैं. उस दिन अनंत चतुर्दशी होती है. जिन लोगों के घरों पर 10 दिनों के लिए बप्पा विराजते हैं, वे गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी को करते हैं. लोग गणपति बप्पा को खुशी-खुशी विदा करते हैं और अगले साल फिर आने को कहते हैं. माना जाता है कि गणपति अपने साथ भक्तों के दुखों को लेकर जाते हैं और उनके जीवन को खुशहाली से भर देते हैं. इस साल गणेश विसर्जन 17 सितंबर दिन मंगलवार को है. उस दिन ही अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी. पंचांग के ​अनुसार, अनंत चतुर्दशी के दिन के लिए आवश्यक भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर सोमवार को दोपहर 3:10 बजे से लेकर 17 अगस्त मंगलवार को दिन में 11 बजकर 44 मिनट तक मान्य है.

गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): 09:11 ए एम से 01:47 पी एम तक
अपराह्न का मुहूर्त (शुभ): 03:19 पी एम से 04:51 पी एम तक
सायंकालीन मुहूर्त (लाभ): 07:51 पी एम से 09:19 पी एम
रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर): 10:47 पी एम से 03:12 ए एम, सितम्बर 18

दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य मुहूर्त: 09:11 ए एम से 10:43 ए एम तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 10:43 ए एम से 12:15 पी एम तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 12:15 पी एम से 01:47 पी एम तक
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 03:19 पी एम से 04:51 पी एम तक