महिलाओं का खतना…

कुछ देशों में महिलाओं का खतना प्रतिबंधित है, वहीं कुछ देशों में आज भी यह हो रहा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में बोहरा समुदाय के मुस्लिमों में महिलाओं का खतना किया जाता है। मिस्र ने साल २००८ में महिलाओं का खतना प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन आज भी वहां इस तरह के मामले दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। बहरीन से वापस लौटते वक्त पोप प्रâांसिस ने महिलाओं के अधिकारों से जुड़े एक सवाल के जवाब में इस दर्दनाक प्रथा का जिक्र किया।

पोप प्रâांसिस ने कहा कि महिलाओं के खतना की प्रथा ‘अपराध’ है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकारों, समानता और अवसरों के लिए लड़ाई जारी रहनी चाहिए। लंबे समय से महिलाओं के खतना की प्रथा पर दुनिया में बहस चल रही है। इस्लाम में आमतौर पर पुरुषों का खतना किया जाता है लेकिन कुछ देशों में महिलाओं के भी खतना की प्रथा है। अंग्रेजी में इसे ‘फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन’ (इउश्) कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूढ़िवादी मुस्लिमों में खतना के बाद महिलाओं को ‘शुद्ध’ या ‘शादी के लिए तैयार’ माना जाता है।

पोप ने कहा कि क्या आज हम दुनिया में युवतियों के साथ इस त्रासदी को नहीं रोक सकते? यह भयानक है कि आज भी यह प्रथा अस्तित्व में है, जिसे मानवता रोक नहीं पा रही है। यह एक अपराध है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, एफजीएम अप्रâीका और मिडिल ईस्ट के करीब ३० देशों में केंद्रित है। लेकिन दूसरी जगहों पर अप्रवासी आबादी भी इस प्रथा का पालन करती है। यूएन का कहना है कि इस साल ४० लाख से अधिक लड़कियों पर एफजीएम से गुजरने का खतरा मंडरा रहा है।

. पोप प्रâांसिस ने महिलाओं के खतना की प्रथा को बताया अपराध

. दुनिया में हर साल लाखों मुस्लिम महिलाएं दर्दनाक प्रथा से गुजरती हैं

. भारत में बोहरा मुस्लिम समुदाय में किया है महिलाओं का खतना

ताकि उनकी सेक्शुअल इच्छाएं दबाई जा सकें…

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