प्रो. अच्युत सामंत और उनके दो डीम्ड विश्वविद्यालय कीट-कीस शिक्षा

यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भुवनेश्वर स्थित कीट-कीस दो डीम्ड विश्वविद्यालयों के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो.अच्युत सामंत एक महान तथा दूरदर्शी शिक्षाविद् हैं जिन्होंने शिक्षा-जगत के वास्तविक भगीरथ बनकर १९९२-९३ में अपनी कुल जमा पूंजी मात्र पांच हजार रुपये से एक किराये के मकान में मात्र १२५ बच्चों से कीट-कीस की स्थापना की। वे अपने पुरुषार्थ तथा जगन्नाथ भगवान तथा हनुमान जी के आशीर्वाद से अपनी दोनों विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थाओं कीट-कीस को उत्कृष्ट शिक्षारुपी गंगा बना चुके हैं जहां से पूरे विश्व को मानवीय एकता का पावन संदेश जाता है। वास्तव में प्रो.अच्युत सामंत एक विलक्षण व्यक्तित्व ही नहीं अपितु एक सकारात्मक विचारधारा बन चुके हैं। और यही वह कारण है कि प्रो.अच्युत सामंत के विलक्षण व्यक्तित्व तथा उनके दो डीम्ड विश्वविद्यालयों कीट-कीस से वर्ल्ड इज वन की गंगा प्रवाहित है।

गत २५ फरवरी,२०२३ को कीट डीम्ड विश्वविद्यालय में द्वितीय विश्व नेतृत्व सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें सैकडों आईआईटी फैकेल्टी, सोशल साइंटिस्ट और बिजनेस लीडर्स के साथ-साथ कीट-कीस के लगभग ७०,००० बच्चे शामिल हुए। सम्मेलन में एक तरफ जहां कीट-कीस को केन्द्र में रखकर ‘वर्ल्ड इज वन’ पर सघन चर्चा हुई। वहीं सामाजिक समानता, न्याय, संस्कृति, नवाचार और अनेक समसामयिक मुद्दों पर भी सकारात्मक चर्चा हुई। अवसर पर सम्मानित अतिथि के रुप में पधारीं डॉ.नंदिता पाठक, संस्थापक निदेशिका उद्यमिता विद्यापीठ, जेपी फाउण्डेशन, एम.पी.ने अपने सारगर्भित ओजस्वी भाषण में उन्होंने महान शिक्षाविद् प्रो. अच्युत सामंत के द्वारा स्थापित कीट-कीस दो डीम्ड विश्वविद्यालय को शिक्षा का समन्दर बताया, भारत का वास्तविक चारों धाम बताया तथा कीट-कीस को वर्ल्ड इज वन बताया।

 डॉ.नंदिता पाठक,सामाजिक कार्यकर्ता,  युवा उद्योगपति तथा संस्थापक निदेशिका उद्यमिता विद्यापीठ,जेपी फाउण्डेशन,एम.पी.ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में प्रो.अच्युत सामंत को अपना आदर्श बताया जिन्हें वे पहली बार मंच पर देखीं। प्रो. सामंत को प्रणाम किया और संकल्पित भाव से अपने जीवन का आदर्श घोषित किया। प्रो अच्युत सामंत की स्वर्गीया मां नीलिमारानी सामंत को याद किया और उनके प्रति हार्दिक साधुवाद व्यक्त किया जिन्होंने प्रो.अच्युत सामंत जैसे दूरदर्शी तथा महानशिक्षाविद् जन्मा जो आज पूरे विश्व मानवता के आदर्श हैं। साथ ही साथ उन्होंने उपस्थित सभी से यह अपील की कि सभी आकर कीट-कीस को एक धाम मानकर डूबकी लगाएं।

उन्होने यह भी बताया कि कीस के प्राकृतिक सुरम्य वातावरण में  प्रतिदिन बैठकर प्रो. सामंत जिस प्रकार विश्व को एक करने का प्रयास करते हैं, उनके दर्शन करें। वहीं कीट – कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो अच्युत सामंत डॉ नंदिता पाठक के प्रति आभार जताया तथा कीट-कीस परिपाटी के तहत उन्हें सम्मानित भी किया। प्रो सामंत ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों ने जो ज्ञान दिया है उसे हम साकार करें। हम एक ऐसे नूतन समाज का गठन करें जहां पर हमारी ताकत हमारी एकता में निहित हो। वह समाज सभी के लिए न्यायसंगत हो।

प्रो अच्युत सामंत ने कहा कि जी २० सदस्यता भी इस विषय का जश्न मनाती है और प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने मानव-केंद्रित वैश्वीकरण को रेखांकित भी किया है। उन्होंने यह भी कहा कि कीट- कीस परिसर की  ‘दुनिया भी एक है’। यहां के विशालतम परिसर विविधता में एकता का संदेश देते हैं जहां पर भारतीय छात्र, विदेशी छात्र और आदिवासी क्षेत्रों के सामाजिक विकास से वंचित छात्र पूर्ण सौहार्दपूर्ण माहौल में रहकर अपने-अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करते हैं। सच तो यह है कि भारत को स्वावलंबी तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रो अच्युत सामंत उनकी शैक्षिक संस्थाएः कीट-कीस स्वावलंबी तथा आत्मनिर्भर बनकर समस्त भारतवासियों को अपनी-अपनी जगह पर स्वावलंबी तथा आत्मनिर्भर बनने का संदेश देतीं हैं और आगे भी देती रहेंगीं। आज कीट डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की पंक्ति में ८वें स्थान पर विराजमान है।

 प्रस्तुतिःअशोक पाण्डेय,

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त

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