राजनीति

Lok Sabha Election 2024: सात चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव, 19 अप्रैल से 1 जून तक मतदान; 4 जून को नतीजे

Assembly Elections 2024: आंध्र की 175, ओडिशा की 147, अरुणाचल की 60 और सिक्किम की 32 सीट, किस राज्य में कब होगी वोटिंग

Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा के लिए निर्वाचन आयोग (ईसी) ने चुनाव कार्यक्रम का एलान कर दिया है। इसके साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। Lok Sabha Election 2024: सात चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव, 19 अप्रैल से 1 जून तक मतदान; 4 जून को नतीजे चुनाव आयोग ने सात चरणों में चुनाव कराने का एलान किया। 19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव में आखिरी फेज की वोटिंग एक जून को होगी। वहीं 4 जून को नतीजे आएंगे। आयोग कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम और खाली हुई उपचुनाव की सीटों पर भी चुनावों का एलान किया है।  मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 2024 पूरी दुनिया में चुनावों का साल है। पांच दर्जन से अधिक देशों में जनता वोट करने वाली है। 16 जून को 17वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश विधानसभा, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्कम का कार्यकाल भी जून में समाप्त हो रहा है। जम्मू कश्मीर विधानसभा में भी चुनाव होने हैं। हर चुनाव एक नई परीक्षा है और असफलता कोई विकल्प नहीं है। 

सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश में 2 जून को और ओडिशा में 24 जून को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। आंध्र प्रदेश 11 जून को कार्यकाल समाप्त हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि आंध्र प्रदेश और ओडिशा में विधानसभा चुनाव 13 मई को होगा। 19 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में मतदान होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी। बता दें कि ओडिशा की 147, सिक्किम की 32, अरुणाचल प्रदेश की 60 और आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 85 वर्ष से अधिक उम्र के जितने भी मतदाता हैं उनके घर जाकर मतदान करवाया जाएगा। इस बार देश में पहली बार ये व्यवस्था एक साथ लागू होगी कि जो 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता हैं और जिन्हें 40% से अधिक की विकलांगता है, उनके पास हम फॉर्म पहुंचाएंगे अगर वो मतदान का ये विकल्प चुनते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमारे पास 1.8 करोड़ पहली बार मतदाता हैं और 20-29 वर्ष की आयु के बीच 19.47 करोड़ मतदाता हैं।  

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नितिन गडकरी हमारे साथ आएं…उद्धव ठाकरे ने दिया ऑफर

फडणवीस ने कहा कि जिस पार्टी का बैंडबाजा बज रहा हो, उस पार्टी के अध्यक्ष का गडकरी जैसे नेताओं को यह प्रस्ताव देना वैसा ही है जैसे कोई सड़क पर कह रहा हो कि मैं तुम्हें अमेरिका का राष्ट्रपति बनाता हूं। नितिन गडकरी महाराष्ट्र के नागपुर से चुनाव लड़ते हैं, वह हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। पहली सूची में महाराष्ट्र के एक भी नेता का नाम नहीं था।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीधे तौर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को महा विकास अघाड़ी में शामिल होने का ऑफर दिया है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी भी दिल्ली की गद्दी के सामने घुटने नहीं टेके थे। वर्तमान महाराष्ट्र कैसे झुकेगा? नितिन गडकरी हमारे साथ आएं…उद्धव ठाकरे ने दिया ऑफर, उम्मीदवारों की पहली सूची में काला धन संग्रह करने वाले कृपा शंकर सिंह को जगह मिली है। लेकिन बीजेपी को आगे बढ़ाने में अपनी जान गंवाने वाले नितिन गडकरी के नाम की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। दिल्ली को झुकाओ मत, दिल्ली के अहंकार को लात मारो। महा विकास अघाड़ी में आएं, आपको चुनना हमारी जिम्मेदारी है। इसके बाद देवेन्द्र फड़णवीस ने अपने अंदाज में इस ऑफर का जवाब दिया है। मराठा आरक्षण को कोर्ट ने वैध करार दिया। उसी के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया अपनाने को कहा गया। अब एक बार फिर कोर्ट ने वही निर्देश दिए हैं, क्योंकि मामला लंबित है। देवेन्द्र फडणवीस ने यह भी कहा है कि मैंने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश नहीं पढ़े हैं। ये कहानी मैं अनुभव के आधार पर बता रहा हूं। देवेन्द्र फडनवीस ने बयान दिया है कि सीट आवंटन का इंतजार करें, सब कुछ आधिकारिक तौर पर पता चल जाएगा और हम आपको बताएंगे।  जब पुलिस लाठीचार्ज में राज्य के 113 गोवावासी मारे गए तो सरकार किसकी थी? सुप्रिया सुले इस वक्त विपक्ष के मूड में हैं। इसलिए अगर वे हर दिन ऐसे बयान दे रही हैं तो उन्हें ज्यादा गंभीरता से लेने का कोई कारण नहीं है।

Arvind Kejriwal को कोर्ट ने भेजा समन, 16 मार्च को होगी पेशी

शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ती नजर आ रही है। गुरुवार यानी 7 मार्च को इस मामले पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को समन भेजते हुए पेश होने का आदेश दिया।Arvind Kejriwal को कोर्ट ने भेजा समन, 16 मार्च को होगी पेशी, कोर्ट के इस फैसले के पीछे ED के द्वारा 8 वें समन पर भी दिल्ली मुख्यमंत्री के पेश न होने पर दायर याचिका है। जिसके बाद अपने आदेश में कोर्ट ने 16 मार्च तक उन्हें पेश होने का आदेश सुनाते हुए उनके लिए मुसीबत बढ़ा दी है।

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय अब तक अरविंद केजरीवाल को कुल आठ समन भेज चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय के हर समन को मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी लगातार गैरकानूनी बताती आई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि समन पूर्ण रूप से गैरकानूनी है। मगर फिर भी वो ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। मुख्यमंत्री ने प्रवर्तन निदेशालय से 12 मार्च के बाद की तारीख मांगी थी। उन्होंने ये भी कहा था कि वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सवालों के जवाब देंगे।

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आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका,  कोर्ट की जमीन पर आम आदमी पार्टी का दफ्तरhttps://swarnimumbai.com/%e0%a4%86%e0%a4%ae-%e0%a4%86%e0%a4%a6%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80-aap-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%be-%e0%a4%9d%e0%a4%9f%e0%a4%95/

बता दें कि अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन भेजे जाने के बाद भी अब तक पेश नहीं हुए है। आमआदमी पार्टी भी सवाल उठा चुकी है कि जांच एजेंसी किस आधार पर लगातार समन भेज रही है। वहीं इस मामले पर खुद प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट पहुंचा है। आप पार्टी का कहना है कि जांच एजेंसी सिर्फ मुख्यमंत्री को डराने में लगी हुई है। पार्टी का कहना है कि चंडीगढ़ में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उसका बदला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लिया जा रहा है। आप पार्टी प्रवर्तन निदेशालय के फैसले से डरने वाली नहीं है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक कुल आठ समन जारी किए है। अरविंद केजरीवाल अब तक किसी भी समन के बाद जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए है। ऐसे में ये नौवां समन छोड़ना अरविंद केजरीवाल के लिए कई मुश्किलें खड़ा कर सकता है। बता दें कि लगातार अरविंद केजरीवाल कई समन को नजरअंदाज कर चुके है। ऐसे में अब जांच एजेंसी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी कर सकती है। निदेशालय धारा 19 के तहत जांच में असहयोग करने के लिए एक्शन ले सकता है।

Biju Patnaik की जयंती समारोह के लिए ओडिशा पहुंचे पीएम मोदी, 19,600 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण

Narendra Modi Odisha: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा के जाजपुर जिले में 19,600 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न पूर्वी भारत के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा हमारी सरकार विकसित भारत बनाने के लक्ष्य के साथ वर्तमान और भविष्य के लिए काम करती है. असल में प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया, उनमें तेल और गैस, रेलवे, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा परमाणु ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं. 

Mallikarjun Kharge on Electoral Bonds: 24 घंटे में मिल जाएगी डोनर्स की डिटेल्स

Electoral Bonds: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी का खुलासा करने के लिए दी गई समयसीमा को बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है. Mallikarjun Kharge on Electoral Bonds: 24 घंटे में मिल जाएगी डोनर्स की डिटेल्स ,इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार (5 मार्च) को प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि मोदी सरकार देश के सबसे बड़े बैंक का इस्तेमाल अपने संदिग्ध लेनदेन को छिपाने के लिए ढाल के तौर पर कर रही है. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ब्लैक मनी को इलेक्टोरल बॉन्ड के तौर पर सफेद करने की स्कीम को खत्म किया है. अब अदालत ने बीजेपी को पैसा देने वाले लोगों की जानकारी मांगी है, तो पार्टी चाहती है कि ऐसा लोकसभा चुनाव के बाद किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था. शीर्ष अदालत की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा था कि एसबीआई को डोनर्स यानी दानदातओं की डिटेल्स देने होंगी. कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से दो सवाल भी किए हैं. साथ ही बताया है कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही कहती आ रही है कि इलेक्टोरल बॉन्ड अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक है. खरगे ने सवाल किया, ‘क्या मोदी सरकार बीजेपी के संदिग्ध सौदों को नहीं छिपा रही है, जहां इन अपारदर्शी इलेक्टोरल बॉन्ड के बदले हाइवे, बंदरगाहों, एयरपोर्ट, पावर प्लांट्स आदि के कॉन्ट्रैक्ट मोदी जी के करीबियों को सौंपे गए?’ 

मल्लिकार्जुन खरगे ने दूसरा सवाल किया, ‘एक्सपर्ट्स का कहना है कि डोनर्स की 44,434 ऑटोमेटेड डाटा एंट्री को केवल 24 घंटों में सामने लाया जा सकता है, फिर इस जानकारी को इकट्ठा करने के लिए एसबीआई को 4 महीने और क्यों चाहिए?’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी बिल्कुल स्पष्ट थी कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना अपारदर्शी, अलोकतांत्रिक और एक समान मौका देने को बर्बाद करने वाली रही है.’

आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका,  कोर्ट की जमीन पर आम आदमी पार्टी का दफ्तर 

Supreme Court On AAP: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने AAP को दिल्ली की कोर्ट की जमीन पर बना अपना दफ्तर खाली करने को कहा है. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को दफ्तर दिए जाने पर सख्त नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के मद्देनजर 15 जून तक की मोहलत दी है.  सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान हैरानी जताते हुए कई महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. न्यायाधीश ने कहा कि ताज्जुब की बात है कि दिल्ली हाईकोर्ट की जमीन पर एक राजनीतिक दल का दफ्तर चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट को ये जमीन ये बंगला लौटाया जाए, क्योंकि ये हाईकोर्ट के पूल में है.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने आम आदमी पार्टी से अपने नए कार्यालयों के लिए भूमि आवंटन के लिए भूमि एवं विकास कार्यालय से संपर्क करने को कहा. पीठ ने कहा, ”हम L&DO से आवेदन पर कार्रवाई करने और चार सप्ताह की अवधि के भीतर अपना निर्णय बताने का अनुरोध करेंगे.” चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 2015 के बाद, आप जमीन के वैध कब्जेदार नहीं हैं, और इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.”

चुनाव है इसलिए मोहलत दे रहे हैं’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “आगामी आम चुनावों के मद्देनजर हमें परिसर खाली करने के लिए 15 जून, 2024 तक का समय दे रहे हैं ताकि जिला न्यायपालिका के पदचिह्न का विस्तार करने के लिए आवंटित भूमि का उपयोग शीघ्र आधार पर किया जा सके.” बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिल्ली सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को राउज एवेन्यू में हाई कोर्ट को आवंटित भूमि पर आप द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए एक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया था.

भाजपा के Donation For Nation Building अभियान में पीएम मोदी ने दान किए 2000 रुपये

लोगों से किया ‘राष्ट्र निर्माण के लिए दान’ करने का आग्रह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के ‘राष्ट्र निर्माण के लिए दान’ अभियान के तहत पार्टी फंड के रूप में भाजपा को 2,000 रुपये का योगदान दिया। भाजपा के Donation For Nation Building अभियान में पीएम मोदी ने दान किए 2000 रुपये , इसी के साथ पीएम मोदी ने सभी से राष्ट्र निर्माण के लिए दान अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया। बता दें, भाजपा के चंदा अभियान की शुरुआत 1 मार्च को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी। उन्होंने पार्टी को 1,000 रुपये का योगदान दिया था।

गौरतलब है कि, पैसे दान करने का आह्वान फरवरी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सर्वसम्मति से दिए गए फैसले के बाद आया है, जिसमें चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार दिया गया था. जहां विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत के फैसले की सराहना की, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि यह योजना चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता के लिए लाई गई थी. भाजपा के Donation For Nation Building अभियान में पीएम मोदी ने दान किए 2000 रुपये सीजेआई ने अपना फैसला पढ़ते हुए कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का मानना ​​है कि गुमनाम चुनावी बांड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, चुनावी बांड के माध्यम से कॉर्पोरेट योगदानकर्ताओं के बारे में जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए, क्योंकि कंपनियों द्वारा दान पूरी तरह से बदले के उद्देश्य से है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चुनावी बांड योजना को रद्द करते हुए कहा कि, काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से दानकर्ताओं की पहचान और चुनावी बांड योजना में योगदान के विवरण को गुमनाम करना पर्याप्त औचित्य नहीं है. 

भाजपा की लिस्ट: 51 में 44 मौजूदा सांसदों को दिया टिकट

उत्तर प्रदेश में प्रत्याशियों की पहली सूची में भाजपा ने राम लहर और मोदी की गारंटी के बूते आत्मविश्वास से लबरेज होने का संदेश दे दिया है। भाजपा की लिस्ट: 51 में 44 मौजूदा सांसदों को दिया टिकट, पार्टी ने 51 प्रत्याशियों में 44 मौजूदा सांसदों को टिकट देकर यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि मोदी सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. भाजपा की लिस्ट: 51 में 44 मौजूदा सांसदों को दिया टिकट बीजेपी ने 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 195 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की. सतारूढ़ पार्टी ने युवाओं पर बहुत बड़ा दांव खेला है. पार्टी ने जो अपनी पहली लिस्ट जारी की है उसमें आधे उम्मीदवार 50 से कम उम्र के हैं जबकि भाजपा ने अपने 20% सांसदों के टिकट काटे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिर वाराणसी से, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से चुनाव लड़ेंगे.

“मनोज जरांगे शरद पवारांची स्क्रिप्ट पढ़ते हैं : फणडवणीस

Maratha Reservation मनोज जरांगे पाटील जी के साथ मराठा समाज ने किए गए आंदोलन और उपवास के बाद, राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के लिए १० प्रतिशत स्वतंत्र आरक्षण की घोषणा की है। “मनोज जरांगे शरद पवारांची स्क्रिप्ट पढ़ते हैं : फणडवणीस, हालांकि, मराठा समाज को ओबीसी से आरक्षण मिलने की मांग को लेकर जरांगे पाटील जी ने उठाई है। उन्होंने इसके लिए अपना आंदोलन चालू रखा है। इसके साथ ही, किर्तनकार अजय बारसकर और संगीता वानखेड़े ने जरांगे पाटील जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वानखेड़े जी ने यह आरोप लगाया है कि शरद पवार हैं जो मनोज जरांगे पाटील जी को बोलविता हैं और वे धनी हैं। वानखेड़े जी और बारसकर जी ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और इस पर राजनीतिक पक्ष से जवाब आया है।आज (२७ फरवरी) विधीमंडळ के अर्थसंकल्पीय अधिवेशन के दूसरे दिन, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा आमदार आशिष शेलार जी ने मनोज जरांगे पाटील जी पर गंभीर आरोप लगाए। मनोज जरांगे पाटील जी को शरद पवार जी द्वारा स्क्रिप्ट वाचने का आरोप भी लगा है। इसके बावजूद, शरद पवार जी ने तत्काल पुणे में पत्रकार सम्मेलन बुलवाया है और उन्होंने इसका जवाब दिया है कि ऐसे तरीके से आपत्तिजनक वक्तव्य करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री पद पर बैठने के बाद उन्हें सवाल करने का अधिकार होता है। इस प्रकार का जवाबदार व्यक्ति मैंने कभी नहीं देखा है।”

शरद पवार ने कहा कि मैंने मनोज जरांगे से अब तक केवल एक बार मिला हूँ और मेरे संबंधों के बारे में बोलने की इच्छा होती है तो मैंने उनसे मिलने का निर्णय किया है। जब उनका उपवास शुरू हुआ, तो मैंने पहले उनसे मिलने के लिए जाया था। मैंने उन्हें उस भेटीवेळी सांगा कि मैं तुम्हारी मागण्यांची समजू शकतो. हालांकि, इस आंदोलन के दौरान, दोनों समाजों के बीच विभाजन नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र में सामाजिक एकता का आंदोलन करें। उस समय हम दोनों के बीच इतनी सारी बातचीत हुई थी। इसके बाद, अंत में हमने कहा कि एक शब्द से हमारा विचार नहीं किया जाएगा, बस भेट नहीं होगी। ऐसा होने के बावजूद, उन दोनों ने (मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री) मेरे खिलाफ ऐसा आरोप लगाना गलती है। मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री को बोलने की अनुमति नहीं दी होती।

Maharashtra: मनोज जरांगे पाटिल के आरोपों पर CM शिंदे की प्रतिक्रिया…

Eknath Shinde On Manoj Jarange Patil: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने रविवार (25 फरवरी) को मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे की ओर से लगाए गए बेबुनियाद आरोपों की निंदा की है. Maharashtra: मनोज जरांगे पाटिल के आरोपों पर CM शिंदे की प्रतिक्रिया… उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम फडणवीस के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने के बाद उन्हें उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. जरांगे को जवाब देते हुए शिंदे ने एनसीपी (SCP) के प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा. 

अंतरवाली सारथी में बोलते हुए, जरांगे ने कहा था कि फडणवीस उन्हें मारने की कोशिश कर रहे थे. जारांगे ने यह भी घोषणा की कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और डिप्टी सीएम के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे. जरांगे ने आरोप लगाया कि उन्हें सलाइन के माध्यम से जहर देने का प्रयास किया गया था.

Bharat Jodo Nyay Yatra: आगरा में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए 

Bharat Jodo Nyay Yatra Akhilesh Yadav: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) आज यूपी के आगरा से निकल रही है. Bharat Jodo Nyay Yatra: आगरा में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए  जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) कांग्रेस की न्याय यात्रा में शामिल हुए. आज वो आगरा में राहुल गांधी के साथ चुनावी कदमताल करते दिखाई दिए. बता दें कि उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर फाइनल मुहर के बाद अखिलेश यादव ने यात्रा में शामिल होने की सहमति दी थी. अब आगरा में यात्रा के दौरान राहुल और अखिलेश ने एक मंच से लोगों को संबोधित भी किया. इस दौरान दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता काफी उत्साहित नजर आए. इस दौरान अखिलेश ने कहा कि हमारे सामने की चुनौती लोकत्रंत को बचाने की है. देश से बीजेपी को हटाने के लिए हम साथ आए हैं. वहीं राहुल गांधीने कहा कि धन्यवाद अखिलेश जी एक साल में भारत जोड़ो यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा की यात्रा से एक नारा आया एक व्यक्ति आया दौड़ता हुआ और बोला आप नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हो हमारा सबसे पहला सबसे बड़ा काम जो भाई को भाई से लड़ाया गया है उसके खिलाफ खड़ा होना है नफरत को सिर्फ मोहब्बत हरा सकती है हम इनकी नफरत को मोहब्बत से मिटाएंगे.

जान लें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 8 जिले से होते हुए आगरा से फतेहपुर सीकरी लोकसभा होते हुए राजस्थान में एंट्री करेगी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया है कि आज शाम से 2 मार्च तक यात्रा में ब्रेक होगा. धौलपुर के बाद यात्रा फिर मध्य प्रदेश से शुरू होगी.

एमपी में कहां-कहां जाएगी न्याय यात्रा?
इसके बाद ये मध्य प्रदेश के मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, शाजापुर और उज्जैन समेत कई जिलों से गुजरेगी, इस दौरान राहुल गांधी 5 मार्च को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करेंगे. राहुल गांधी भले ही इस यात्रा को गैर-राजनीतिक बता रहे हैं लेकिन इससे एमपी के कई जिलों को लोकसभा चुनाव के लिए साधने की कोशिश होगी.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का निधन:86 की उम्र में ली अंतिम सांस

महाराष्ट्र के CM बनने वाले पहले नेता …

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता मनोहर जोशी का 86 की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के पीडी हिंदुजा अस्पताल में शुक्रवार (23 फरवरी) सुबह अंतिम सांस ली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का निधन:86 की उम्र में ली अंतिम सांस… मनोहर जोशी को बुधवार को हार्ट अटैक आया था। तब से वे ICU में भर्ती थे। मुंबई के शिवाजी पार्क श्मशान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। महाराष्ट्र के CM बनने वाले पहले नेता, उन्होंने एक टीचर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। जोशी 1967 में पॉलिटिक्स में आए। वे 40 साल से ज्यादा समय तक शिवसेना से जुड़े रहे।

मराठाओं को बड़ी सौगात, शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण का बिल महाराष्ट्र विधानसभा में पास

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए 10 आरक्षण का रास्ता लगभग साफ हो गया. मराठाओं को बड़ी सौगात, शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण का बिल महाराष्ट्र विधानसभा में पास राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार मंगलवार दोपहर यह आरक्षण विधेयक पेश किया, जिसे विधानसभा ने पारित कर दिया. अब यह बिल विधान परिषद में रखा जाएगा, जिससे पास होने और फिर राज्यपाल की मुहर के बाद महाराष्ट्र के मराठा समुदाय की लंबे वक्त से चली आ रही मांग पूरी हो जाएगी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में यह आरक्षण बिल पेश करते हुए इसे पूर्ण समर्थन के साथ पारित करने की अपील की थी. हालांकि सत्ताधारी गठबंधन के सदन छगन भुजबल सहित कुछ विपक्षी नेता इसके विरोध में उठ खड़े हुए. इसके बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस बिल को सर्वसम्मति से पास करने की अपील की, जिसे विपक्ष के नेता विजय डेत्तिवार मान गए. और इसके बाद मराठा आरक्षण का यह बिल ध्वनिमत से निचली सदन से पास हो गया. महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (MSBCC) की रिपोर्ट और ड्राफ्ट बिल मंगलवार दोपहर महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया गया. इस सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा आरक्षण को मंजूरी देना है.

 NCP के कांग्रेस में विलय की खबरों को सुप्रिया सुले ने बताया गलत

सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का किसी भी राजनीतिक दल के साथ विलय नहीं होगा।  NCP के कांग्रेस में विलय की खबरों को सुप्रिया सुले ने बताया गलत, सुले पार्टी प्रमुख शरद पवार के आवास पर राकांपा (शरदचंद्र पवार) की बैठक के बाद संवाददाताओं से बात कर रही थीं।

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Maharashtra Political Crisis: 25 साल बाद अब एनसीपी के कांग्रेस में विलय की खबर…

सियासी गलियारों में शरद पवार गुट की एनसीपी के कांग्रेस में विलय की चर्चा जोरों पर है. 25 साल बाद अब एनसीपी के कांग्रेस में विलय की खबर सूत्रों के अनुसार, दावा किया जा रहा है कि शरद पवार ने अपने विधायकों और सांसदों की पुणे में तत्काल बैठक बुलाई है. इस बैठक में बड़ा निर्णय लेने की संभावना बताई जा रही है. हालांकि, अभी तक कांग्रेस या शरद पवार के गुट की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है. बता दें कि 25 साल पहले शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होने के बाद साल 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना की थी. 

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति से एक बड़ी खबर सामने आ रही है,  25 साल बाद अब एनसीपी के कांग्रेस में विलय की खबर... कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी गुट का विलय हो सकता है। इसे कांग्रेस की सियासत का भी एक  बड़ा घटनाक्रम माना जा सकता है। करीब ढाई दशक की सियासी सफर के बाद पवार गुट जिसके प्रमुख शरद पवार हैं उनके कांग्रेस में अपनी पार्टी के विलय करने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आ रही है। 1999 में विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर उन्होंने सोनिया गांधी के विरोध में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। फिर एनसीपी नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। इसके 25 साल बाद अब एनसीपी के कांग्रेस में विलय की खबर सामने आ रही है। अपने विधायकों और सांसदों से शरद पवार बातचीत करना चाहते थे। उन्होंने बैठक बुलाई। शरद पवार गुट के मंगलदास बंडल ने विलय को लेकर बातचीत की बात कही है। शरद पवार राज्यसभा को लेकर भी इस तरह के कदम उठा सकते हैं। जिस तरह से कांग्रेस में बगावत होने की बात कही जा रही है। कांग्रेस को राज्यसभा में अपना उम्मीदवार भेजना है। जिसमें शरद पवार की मदद ली जा सकती है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्नईथला और शरद पवार की इससे पहले बैठक भी हो चुकी है। 

शरद पवार और एनसीपी का सफर

शरद पवार के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1956 में छात्र नेता के रूप में की थी. इसके बाद 1958 में युवा कांग्रेस में शामिल हो गए. लेकिन, इंदिरा गांधी के आपातकाल के फैसले से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने जनता पार्टी के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार का गठन कर लिया और खुद सीएम की कुर्सी पर बैठ गए. हालांकि, साल 1980 में इंदिरा गांधी ने सरकार में वापसी की और महाराष्ट्र में पवार सरकार को बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद साल 1983 में शरद पवार ने ‘कांग्रेस पार्टी सोशलिस्ट’ नाम से एक नए दल का गठन किया. साल 1987 में राजीव गांधी ने शरद पवार की कांग्रेस में वापसी कराई और उन्हें महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम रहे शंकर राव चव्हाण की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया. 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद शरद पवार के पीएम बनने की चर्चा थी, लेकिन नरसिम्हा राव को मौका मिला. साल 1998 आते-आते शरद पवार ने सोनिया गांधी के कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिया, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया. इसके बाद साल 1999 में उन्होंने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) का गठन किया. हालांकि, जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बगावत की और कुछ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. इसके बाद एनसीपी दो फाड़ में हो गई और तब से इसको लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है.

ओडिशा में बदल गए राजनीतिक समीकरण,

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का राज्यसभा जाना तय

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ओडिशा से दूसरी बार राज्यसभा के लिए नामांकन करेंगे। भाजपा ने बुधवार को पूर्वी राज्य से उनके नाम की घोषणा की। भाजपा की घोषणा के कुछ मिनट बाद, नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजेडी ने घोषणा की कि वह “राज्य के रेलवे और दूरसंचार विकास के व्यापक हित के लिए” उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेगी। यह उनके पहले कार्यकाल के समान है, जब राज्य विधानसभा में भाजपा के पास पर्याप्त ताकत नहीं होने के बावजूद जून 2019 में उन्हें राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था।