Rolta India को अपना बनाने के लिए बाबा को अब कई कंपनियों से लड़नी होगी जंग!
कर्ज में डूबी कंपनी रोल्टा इंडिया (Rolta India) को खरीदने के लिए अब कई कंपनियां कूद पड़ी हैं। Rolta India को खरीदने के लिए पतंजलि ने लगाई बोली , बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने प्रोसेस पूरी होने के बाद इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। एनसीएलटी ने पतंजलि को इसके लिए बोली लगाने की अनुमति दे दी है। उसके बाद कई और कंपनियां भी इसके खरीदने की रेस में कूद पड़ी हैं। इनमें वेलस्पन ग्रुप की एमजीएन एग्रो प्रॉपर्टीज और मुंबई की कंपनी बी-राइट रियल एस्टेट शामिल हैं। इन कंपनियों को भी बोली लगाने के लिए एनसीएलटी से मंजूरी मिल गई है। एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने सभी बिडर्स को 25 फरवरी तक फॉर्मल एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट सौंपने को कहा है। रोल्टा इंडिया डिफेंस से जुड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है लेकिन इसके पास मुंबई में काफी रियल एस्टेट एसेट है। बाबा रामदेव (Baba Ramdev) कर्ज में डूबी रोल्टा इंडिया (Rolta India) को खरीदना चाहते हैं. हाल ही में पतंजलि आयुर्वेद ने इसके लिए 830 करोड़ रुपए का कैश ऑफर दिया था. बाबा के ऑफर से पहले ही पुणे की कंपनी अशदान प्रॉपर्टीज (Ashdan Properties) को रोल्टा इंडिया का सबसे बड़ा बोलीदाता घोषित किया जा चुका था, इसलिए पतंजलि ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से बोली स्वीकारने का आग्रह किया, जिसे उसने स्वीकार भी कर लिया. बाबा रामदेव के रोल्टा इंडिया में दिलचस्पी दिखाने के बाद अब कुछ और कंपनियां भी इस दौड़ में शामिल हो गई हैं. इसका सीधा मतलब है कि बाबा की राह अब उतनी आसान नहीं रहने वाली.
कंपनी पर है कर्ज का बोझ
NCLT से पतंजलि को बोली लगाने की अनुमति मिलने के बाद कई कंपनियों ने Rolta में दिलचस्पी दिखाई है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन कंपनियों में से अधिकांश की नजर मुंबई में रोल्टा इंडिया के रियल एस्टेट एसेट्स पर है. हालांकि, उस पर कर्ज का भी काफी बोझ है. यूनियन बैंक की याचिका पर जनवरी 2023 में Rolta India के खिलाफ बैंकरप्सी प्रक्रिया शुरू हुई थी. यूनियन बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह से रोल्टा इंडिया ने 7100 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. वहीं, सिटी ग्रुप की अगुवाई वाले बैंकों से 6699 करोड़ का अनिसिक्योर्ड पैसा लिया है. कमल सिंह के प्रमोटर वाली यह कंपनी डिफेंस एंड होम लैंड सिक्योरिटी, पावर फाइनेंशियल सर्विसेज, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और हेल्थकेयर में सेवाएं देती है. पतंजलि से पहले पुणे की अशदान प्रॉपर्टीज की 760 करोड़ की पेशकश को बैंकों द्वारा सबसे बड़ी बोली घोषित किया गया था. इसके कुछ ही दिन बाद पतंजलि ने 830 करोड़ रुपए की पूरी तरह से नकद डील की पेशकश कर डाली. बाबा रामदेव की कंपनी ने NCLT से उसकी बोली स्वीकार करने का अनुरोध किया, जिसे NCLT ने स्वीकार कर लिया. अपना फैसला सुनाते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह सबसे अच्छा है कि रुचि व्यक्त करने वाले सभी आवेदकों को एक और अवसर दिया जाए. यदि दूसरी कंपनियां रोल्टा में दिलचस्पी नहीं दिखाती, तो बाबा की राह काफी आसान हो जाती.