पर्यटन

महाराष्ट्र का मिनी गोवा: अलीबाग​

अलीबाग समुद्र के तट पर बसा एक बहुत सुंदर और छोटा-सा शहर है। यह महाराष्ट्र में सपनों की नगरी मुंबई के पास स्थित है। क्षेत्र के लिहाज से देखें तो रायगढ़ जिले के कोंकण क्षेत्र में आता है अलीबाग। भीड़भाड़ वाले शहरों के शोर से दूर, अपने रिश्ते में नई ताजगी भरने के लिए कपल अलीबाग आते हैं। यहां देखने के लिए बहुत कुछ है, जहां आप साथ में यादगार समय बिता सकते हैं।

‘मिनी-गोवा’ के नाम से फेमस ‘अलीबाग’ महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में बसा एक छोटा सा तटीय (Coastal) शहर है, जो पर्यटकों के बीच वीकेंड के लिए काफी फेमस है। महाराष्ट्र का मिनी गोवा: अलीबाग​ औपनिवेशिक इतिहास में डूबा शहर अलीबाग मुंबई से लगभग ११० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो अपने रेतीले समुद्र तटों, साफ हवा, कई मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है। अलीबाग एक छोटा शहर होने के बाद भी अपने पर्यटकों को कभी निराश नहीं करता। अलिबाग़ के प्रमुख पर्यटक स्थल में से एक अलीबाग बीच एक ऐसी जगह है जहाँ आप अपने प्रâेंड्स, फैमली या कपल के साथ बीच के किनारे टाइम स्पेंड करने के साथ साथ बिभिन्न वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज जैसे कयाकिंग, जेट स्की, स्कूबा डाइविंग भी एन्जॉय कर सकते है। बता दे अलिबाग़ बीच को भारत के सबसे प्रसिद्ध समुद्र तटो में से माना जाता है, जिससे इस बीच की पॉपुलैरिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है यही कारण की यह बीच अलीबाग में घूमने के सबसे अच्छी जगहें में बेस्ट जगह मानी जाती है और हर साल लाखो टूरिस्ट्स को अपनी तरफ अट्रेक्ट करने में कामयाब होती है।
अरब सागर के पानी से घिरा हुआ ‘कोलाबा किला या अलीबाग फोर्ट’ अलीबाग के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में से एक है। कोलाबा फोर्ट एक ३०० साल पुराना किला है, जो कभी शिवाजी महाराज के शासन के दौरान मुख्य नौसेना स्टेशन था। इस वजह से किले को राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के रूप में भी घोषित किया गया है। किले के अंदर की दीवारें, जानवरों और पक्षियों की नक्काशी जैसे ऐतिहासिक कलाकृतियों और अवशेषों से युक्त है, किले के अन्दर प्राचीन मंदिर भी मौजूद है, जिन्हें आप कोलाबा फोर्ट की यात्रा में देख सकेगें। इनके साथ साथ किले के उपर से अरब सागर के सुंदर दृश्यों को देखा जा सकता है, जो टूरिस्ट को काफी अट्रेक्ट करते है।
अलीबाग बस डिपो से लगभग ३ किमी की दूरी पर स्थित ‘वर्सोली बीच’ घूमने के लिए सबसे अलीबाग के आकर्षक स्थल में से एक है। अलीबाग में सबसे साफ समुद्र तट माना जाने वाला वर्सोली बीच सफेद रेतीले तट के साथ, प्राकृतिक सुन्दरता से सुसज्जित है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान माना जाता है।
यह बीच अपनी मनमोहनीय सुन्दरता के साथ साथ बीच के किनारे स्थित रिसॉर्ट्स, कॉटेज और होटल के लिए प्रसिद्ध भी है, जो पर्यटकों को एक आरामदायक और शाही यात्रा प्रदान करते है। इनके अलावा टूरिस्ट यहाँ बिभिन्न प्रकार के वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को भी एन्जॉय कर सकते है, यही वजह है की वर्सोली बीच अलीबाग में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें में से एक बना हुआ है।
‘मुरुद-जंजीरा किला’ अलीबाग से ५५ किमी की दूरी पर मुरुद गाँव के तटीय क्षेत्र में एक छोटे से द्वीप पर स्थित है। किले के उपर से धूप का आनंद लेने लायक है, जो कपल्स को काफी अट्रेक्ट भी करता है। यह किला मूल रूप से एक लकड़ी का ढांचा था, जिसे बाद में १७ वीं शताब्दी में सिदी सिरुल खान द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। जिसमे लगभग ३०-४० फीट ऊंचे २३ गढ़ हैं, जो आज भी मौजूद हैं। रेतीले तट से दूर मुरुद-जंजीरा किला एक छोटी नाव की सवारी करते हुए पहुंचा जा सकता है, यह शानदार किला न केवल अतीत की झलक देती है, बल्कि अरब सागर के चारों ओर का शानदार दृश्य भी पेश करता है, यक़ीन माने यह नज़ारे आपको बेहद आकर्षित करेगें। यदि आप अपनी अलीबाग ट्रिप में वाटर स्पोर्ट्स एन्जॉय करने के लिए अलीबाग की बेस्ट जगहें सर्च कर रहे है, तो हम आपको बता दे वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज एन्जॉय करने के लिए नैगांव बीच बेस्ट ऑप्सन है। नैगांव बीच लगभग ३ किलोमीटर लंबा समुद्र तट है, जहाँ टूरिस्ट स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग जैसी कुछ रोमांचक एक्टिविटीज में शामिल हो सकते हैं। यहाँ आप नीले नीले पानी में स्कूबा डाइविंग से रंग बिरंगी को मछलीयों को देख सकते है जो यकीनन आपकी लाइफ के सबसे यादगार लम्हों में से एक हो सकता है। नैगांव बीच की यात्रा में आप बिभिन्न वाटर स्पोर्ट्स एन्जॉय करने के साथ साथ सुनहरी रेत पर टहल सकते है और शाम के समय नारंगी रंग के साथ सनसेट के अद्भुद नजारों को देख सकते है।

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हनुवंतिया टापू

हनुवंतिया टापू

हनुवंतिया टापू

खंडवा जिले के इंदिरा सागर बांध पर बना हनुवंतिया टापू अपनी खूबसूरती के लिए प्रदेश ही नहीं देशभर में चर्चित हो रहा है। जिसकी खूबसूरती ऐसी कि लोगों की नजरें हटा नहीं पाएं। इसी वजह से लोग इसको मिनी गोवा और मध्य प्रदेश के स्विट्जरलैंड कहते हैं।  एमपी टूरिज्म ने यहां इंटरनेशनल लेवल की सुविधाएं जुटाई हैं। ताकि टूरिस्ट यहां पर आकर भरपूर लुत्फ उठा सकें

हनुवंतिया टापू मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित बेहद खूबसूरत जगह है। यह द्वीप खंडवा के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है जो अपने खुबसूरत दृश्यों और वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के लिए फेमस है, और अपने इसी सुरम्य वातावरण और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी और अट्रेक्ट करने में कामयाब होता है। बता दे हनुवंतिया द्वीप को हनुमंतिया द्वीप के नाम से भी जाना जाता है जिसे हाल ही में, मध्य प्रदेश पर्यटन विकास केंद्र द्वारा इस जगह को एक बेहतरीन दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जब भी आप यहाँ आयेंगे तो यह द्वीप आपको बिभिन्न वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज, फ्लोटिंग, ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग और वनस्पति निशान रोमांच के साथ आश्चर्यचकित करता है। इस आइलैंड में हर साल एक जल महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है जिसमे देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक शामिल हो सकते है। हनुवंतिया टापू कोई प्रकृति द्वारा निर्मित टापू नही है। वास्तव में हनुवंतिया टापू या हनुमंतिया द्वीप का निर्माण इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर से हुआ है जिसे मध्य प्रदेश पर्यटन विकास केंद्र द्वारा लगभग २० करोड़ की लागत से तैयार किया गया है।

खंडवा से लगभग ४७ किलोमीटर दूरी पर मुंदी नामक तहसील में स्थित हनुवंतिया टापू का इतिहास कुछ बर्षो पुराना ही है। इस खूबसूरत द्वीप का निर्माण इंदिरा सागर बांध के निर्माण से उत्पन्न हुई झील के कारण हुआ है। जबकि इस टापू को अपना नाम स्थानीय गाँव के नाम से प्राप्त हुआ है। हनुवंतिया टापू में वाटर स्पोर्ट्स से लेकर ट्रेकिंग तक वह सभी एक्टिविटीज अवेलेवल है जो यहाँ आने वाले पर्यटको को कभी निराश नही करती है।

वाटर स्पोर्ट्स : यदि आपको वाटर स्पोर्ट्स एन्जॉय करना पसंद है तो हनुवंतिया टापू में वाटर स्पोर्ट्स की एक लम्बी श्रंखला मौजूद है। जब भी आप यहाँ आयेंगे तो स्कूबा डाइविंग, स्नोर्कलिंग, वॉटर ज़ोरिंग, वॉटर पैरासेलिंग, बनाना बोट, मोटर बोट और जेट स्की, वाटर सर्फिंग, हाउसबोट जैसे विभिन्न वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को एन्जॉय कर सकते है।

लैंड एक्टिविटीज : हनुवंतिया आइलैंड वाटर स्पोर्ट्स के साथ साथ क्लब हाउस, काइट फ्लाइंग, जिप लाइनर, क्लाइंबिंग वॉल, किड्ज जोन, बैलगाड़ी की सवारी जैसी लैंड एक्टिविटीज से भी यहाँ आने वाले पर्यटकों को काफी अट्रेक्ट और मनोरंजित करता है। 

एयर एक्टिविटीज: हनुवंतिया आइलैंड लैंड पैरासेलिंग, हॉट एयर बैलून, पैरामोटर्स जैसी एयर एक्टिविटीज के लिए भी काफी फेमस है जिन्हें आप अपने प्रâेंड्स के साथ हनुवंतिया आइलैंड की ट्रिप में एन्जॉय कर सकते है।

ट्रेकिंग : हनुमंतिया ट्रेकर्स के बीच खंडवा के सबसे लोकप्रिय जगहें में से एक है। हनुवंतिया टापू के आसपास एक विशाल जंगल फैला हुआ जहाँ आप प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य ट्रेकिंग करते हुए कुछ स्थानीय और विदेशी फूलों और कुछ वन्यजीवों को देख सकते हैं।

बर्ड वॉचिंग: हरे भरे पेड पौधों से घिरा हुआ हनुवंतिया टापू बर्ड वाचेर्स के लिए भी स्वर्ग के समान है। मोर, काले सारस, एक छोटे से कॉर्मोरेंट और यूरोपीय ऑस्ट्रे यहां पाई जाने वाली प्रजातियां हैं जिन्हें आसानी से देखा जा सकता है। इनके अलावा आप यहां कुछ विदेशी सेंट्रल इंडियन बर्ड प्रजातियां भी देख सकते हैं।

हनुवंतिया आइलैंड में एक्टिविटीज की टाइमिंगस 

वाटर एक्टिविटीज का टाइम : सुबह ९.०० बजे से शाम ६.०० तक

एयर एक्टिविटीज का टाइम : सुबह ६.०० बजे से शाम ९.०० तक और शाम ४.०० बजे से शाम ६.०० तक

बैलगाड़ी की सवारी का समय : शाम ४ बजे से शाम ६ बजे तक

सांस्कृतिक कार्यक्रम का समय : शाम ७ बजे से शाम ८ बजे तक

नागचून बांध खंडवा: नागचून बांध खंडवा के प्रमुख पर्यटक स्थल में से एक है। यह बांध घनी हरियाली के शांत वातावरण से घिरा हुआ है जो इसे खंडवा में घूमने के लिए सबसे सुरम्य जगहें में से एक बनाती है।

घंटाघर खंडवा: घंटाघर खंडवा के प्रमुख ऐतिहासिक स्थान में से एक है जिसका निर्माण सन १८८४ में अंग्रेजों द्वारा किया गया था। बता दे यह प्रसिद्ध स्थान सूरज कुंड, पद्म कुंड, भीम कुंड और रामेश्वर कुंड जैसे कुंड के लिए प्रसिद्ध है जो चारों ओर चार दिशाओं में फैले हुए हैं। यदि आप खंडवा में हनुवंतिया टापू घूमने आने वाले है तो आपको अपना कुछ समय निकालकर घंटाघर जरूर आना चाहिये।

दादा धुनी वाले दरबार: दादा धुनी वाले दरबार खंडवा के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। वास्तव में यह दरबार श्री दादाजी की समाधि है, जो यहाँ आने वाले भक्तो की मनोकामना पूर्ण करने और लोगों के दुखों को दिव्य तरीके से ठीक करने के रूप में जाने जाते है।

गौरी कुंज खंडवा: भारत के सबसे प्रतिष्ठित गायकों में से एक, किशोर कुमार गांगुली को समर्पित, गौरी कुंजा, खांडवा के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में से एक है। राजेश खन्ना द्वारा उद्घाटित, गौरी कुंजा खंडवा में बॉलीवुड प्रेमियों के लिए एक विशेष स्थान है। गौरी कुंज अक्सर विभिन्न कला और सांस्कृतिक प्रदर्शनों की मेजबानी भी करता है जिस दौरान स्थानीय लोगो और काफी संख्या में पर्यटक हिस्सा लेते है।

तुलजा भवानी माता मंदिर खंडवा:  तुलजा भवानी माता मंदिर खंडवा के प्रसिद्ध मंदिर और भारत में स्थापित ५१ शक्तिपीठों में से एक है। जहाँ हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता तुलजा भवानी को आश्रीर्वाद लेने के लिए यहाँ आते है।

ओंकारेश्वर मंदिर खंडवा : पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर भारत में स्थापित १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश में हिंदुओं के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहाँ प्रत्येक बर्ष देश के विभिन्न हिस्सों से लाखो श्रद्धालु पवित्र नर्मदा नदी में डुबकी लगाने और भगवान शिव के दर्शन के लिए यहाँ पहुचते है। इसीलिए आप जब भी हनुवंतिया टापू की यात्रा पर आयें तो अपना कुछ समय निकालकर ओंकारेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए जरूर आयें।

नव चांदनी देवी धाम : नव चंडी देवी धाम खंडवा में देवी शक्ति को समर्पित एक लोकप्रिय तीर्थ स्थान है। यहां पर नव चंडी के रूप में पूजा की जाती है, देवी शक्ति इस मंदिर की मुख्य देवता हैं। यहां आने का सबसे अच्छा समय फाल्गुन के त्योहारी सीजन के दौरान फरवरी और मार्च के महीने में होता है। इस दौरान एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसे कई सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियां भी होती हैं।

 इंदिरा सागर बांध खंडवा: खंडवा में नर्मदा नदी पर बना इंदिरा सागर डेम महत्वपूर्ण परियोजना के साथ साथ खंडवा का एक आकर्षक पर्यटक स्थल और पिकनिक स्पॉट है जो प्रत्येक बर्ष बड़ी मात्रा में पर्यटकों की मेजबानी करता है। यदि आप खंडवा में हनुवंतिया टापू की ट्रिप पर आ रहे हैं तो आप इंदिरा सागर डेम की यात्रा के बारे में भी जरूर सोचना चाहिये।

सैलानी रिजॉर्ट खंडवा: इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में स्थित सैलानी रिजॉर्ट शहर की भीड़ भाड़ से दूर आराम करने के लिए खंडवा की सबसे अच्छी जगहें में से एक है। खूबसूरत जगह भव्य आवास का दावा करती है, जहाँ आप अपनी फैमली के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करते हुए स्पीड बोटिंग, सर्फिंग, पैडल बोटिंग और क्रूजिंग जैसी कई गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।

बदलने वाला है एम्सटर्डम का रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट

दुनिया भर के पर्यटकों में अपने संग्रहालयों और नहरों के लिए मशहूर नीदरलैंड्स का एम्सटर्डम शहर अपने रेड लाइट डिस्ट्रिक के लिए भी जाना जाता है. लेकिन अब प्रशासन उसे शहर के सेंटर से हटाकर कहीं और बसाना चाहता है. बदलने वाला है एम्सटर्डम का रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट रात के अंधेरे में ये शहर जगमगाता है. नहरों की लहरों पर अपना प्रतिबिंब बनाती स्ट्रीट लाइट्स इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देती हैं. लोग यहां मौज-मस्ती के लिए आते हैं. कैनाल क्रूज पर पार्टी करते हैं. गांजे के शौकीन टूरिस्टों के लिए यह एकदम परफेक्ट जगह है क्योंकि एम्सटर्डम में आकर लोग वैध रूप से इसे स्मोक कर सकते हैं. मगर पार्टी करने आये टूरिस्ट अपना आपा खो देते हैं, जिसकी वजह से प्रशासन थोड़ा सख्त हुआ है.

दुनिया के सबसे मशहूर शहरों में शामिल एम्सटर्डम ने 2023 में रेड-लाइट एरिया में सार्वजनिक रूप से वीड यानी गांजा स्मोकिंग पर बैन लगा गया. ये आपराधिक और असामाजिक व्यवहार से निपटने के लिए किया गया. इस बड़ी घोषणा के पीछे एम्सटर्डम की पहली महिला मेयर फेमके हल्सेमा हैं. उनके मुताबिक, वो शहर को स्थानीय लोगों के लिए ज्यादा रहने लायक बनाना चाहती हैं. वह शहर में सेक्स और ड्रग्स से हटकर टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती हैं.

गांजा स्मोकिंग पर सख्त नियम

नए नियम के अनुसार, ड्रिंकिंग आवर्स कम होंगे, कैफे जल्दी बंद होने लगेंगे, बार, रेस्तरां, ब्रॉथेल, सेक्स शॉप और स्ट्रिप क्लब भी जल्दी बंद होंगे. यह पाबंदी सिर्फ रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट के पास के इलाके में ही लागू होती है. अगर लोकल या टूरिस्ट प्रतिबंधित जगह पर स्मोक करते पाए गए तो 100 यूरो का जुर्माना लगेगा. साथ ही, सड़कों पर पेशाब करने और शराब के सेवन पर भी जुर्माना देना होगा. अगर इसके बाद भी स्थिति काबू में नहीं आती, तो वीड स्मोकिंग को टेरेस और कॉफी शॉप्स में भी बैन कर दिया जाएगा.

नीदरलैंड्स में गांजा सेवन तकनीकी रूप से अवैध है. मगर 1975 में इसे 5 ग्राम से कम मात्रा में रखने को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया था. एम्सटर्डम को छोड़कर बाकी इलाकों में सिर्फ डच निवासियों को कॉफी शॉप्स (वीड स्टोर्स) से वीड खरीदने की अनुमति है. हेल्थ मिनिस्ट्री एंड सिटी डाटा के अनुसार, नीदरलैंड्स में करीब 570 कॉफी शॉप्स हैं, जिसमें से 166 एम्सटर्डम में हैं.

23 साल के डच नागरिक यारिन स्लूटवेक ने डीडब्ल्यू से बात करते हुए कहा, “गांजा काफी हद तक एम्सटर्डम और कुछ हद तक डच संस्कृति का हिस्सा है. मैं ऐसे कुछ लोगों को जानता हूं जिन्होंने कभी भी किसी भी रूप में वीड का सेवन नहीं किया है. मुझे लगता है कि ड्रग्स पर उदार, सहिष्णु नजरिया डच संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और मैंने हमेशा एम्सटर्डम को इस पहलू में अग्रणी पाया है.”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि यह प्रतिबंध सिर्फ राजनीतिक दिखावा हो सकता है. शहर में टूरिस्ट व्यवधान एक परेशानी है और यह ड्रग्स के इस्तेमाल पर ‘सख्त रुख’ के रूप में मार्केटिंग किए जाने वाले समाधान की तरह लगता है.”

लोकल लोगों को होती है परेशानी

पार्टी करने आये पर्यटकों का व्यवहार एक परेशानी है. इसके लिए कई अभियान भी चलाए गए जैसे स्टे अवे, स्टॉप द मैडनेस वगैरह. प्रोफेसर गेरिट्समा ने बताया कि कैसे टूरिस्ट व्यवहार मुद्दे ने कानूनों और नियमों में हालिया बदलावों को जन्म दिया है. टूरिज्म, जो एक समय एक सकारात्मक शक्ति थी, अब चुनौतियां खड़ी कर रहा है.

डीडब्ल्यू से बात करते हुए इनहॉलैंड यूएएस में एसोसिएट प्रोफेसर और अर्बन लेजर और टूरिस्ट लैब की लैबलीड रोस ने कहा कि पिछले दशक में कुछ जिलों, खासकर रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट में उपद्रवी पार्टियों से स्थानीय शांतिभंग के मामलों में इजाफा हुआ है. वे बताती हैं कि इसका मकसद जिम्मेदार टूरिज्म को बढ़ावा देना और पर्यटकों के व्यवहार में बदलाव लाना है, जिससे स्थानीय लोगों को कोई परेशानी न हो और शहर रहने लायक बना रहे.

रोस का मानना है, “मौजूदा पैटर्न और आदतों को बदलने के लिए न केवल सार्वजनिक जागरूकता की जरूरत है बल्कि प्रभावी लागू सिस्टम भी महत्वपूर्ण है. ये थोड़ा मुश्किल भी हो सकता है क्योंकि इसमें वित्तीय संसाधनों और नए नियमों की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मी भी होने चाहिए.”

वहीं डच नागरिक स्लूटवेक कहके हैं, “मैं तो नशीले पदार्थों खासकर वीड पर बैन लगाने या उन्हें अवैध घोषित करने के सख्त खिलाफ हूं. मगर एम्सटर्डम खासतौर पर आपा खो देने वाले टूरिस्टों से जूझ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके देशों में वीड अवैध है. इस हालत को देखते हुए मुझे यह कदम बुरा नहीं लगता. वैसे भी जब तक यह सिर्फ रेड लाइट एरिया में बैन है, तब तक कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. यह एरिया जाहिर तौर पर ज्यादा जोखिम से भरा है.”

रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट पर पड़ेगा असर

रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट को लेकर एक प्रस्ताव भी चर्चा में बना हुआ है. इसके मुताबिक, रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट को अपनी मौजूदा जगह से हटाकर कहीं और कर दिया जाएगा. शहर की मेयर की योजना ‘इरोटिक सेंटर’ बनाने की है. इस सेंटर में सेक्स वर्करों के लिए एक नियंत्रित और केंद्रीकृत वातावरण की बात कही गयी है. प्रोफेसर गेरिट्समा ने कहा कि नगर पालिका इन नियमों को सेक्स वर्करों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए जरूरी मानती है. नए लागू हुए नियमों से सेक्स वर्करों, बार और रेस्तरां के जल्दी बंद होने से एम्सटर्डम में नाइटलाइफ पर असर पड़ेगा. इन बदलावों का मकसद एक सुरक्षित माहौल बनाना है. इन नए नियमों के प्रभाव को सेक्स वर्करों, बार और रेस्तरां के नजरिये से समझना होगा.

स्लूटवेक कहते हैं, “ज्यादातर डच नागरिकों के लिए रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट कुछ खास नहीं है. यह टूरिस्टों के एक आकर्षण है. क्योंकि उनके देशों में तुलनात्मक रूप से इन मामलों में बहुत सख्ती है. यहां लोग ज्यादा उदार और खुली नीति में पले-बढ़े हैं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट एम्सटर्डम संस्कृति में कोई प्रभावशाली भूमिका निभाता है. शायद एक बेहतर समाधान ये हो सकता है कि एम्सटर्डम में रेड लाइट जिले को केंद्र से हटाकर कई अन्य क्षेत्रों में टूरिज्म में बढ़ावा दिया जाना.”

हालांकि, सेक्स वर्करों का कहना है कि मौजूदा स्थिति उनके लिए तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित है. प्रोफेसर गेरिट्समा बताती हैं कि सेक्स वर्कर अनौपचारिक तौर पर आपसी सुरक्षा करते हैं क्योंकि वे एक-दूसरे को जानते हैं. इन सुरक्षा उपायों में एक ‘पर्दा सिस्टम’ शामिल है जहां 15 मिनट या उससे ज्यादा समय पर परदे गिराए जाते हैं. प्रोफेसर बताती हैं कि इस दौरान सेक्स वर्कर अपने क्लाइंट का आंकलन करती हैं और क्लाइंट को भी निगरानी में रहने की बात महसूस होती है. इसके अलावा कमरों में इमरजेंसी बेल्स एहतियाती उपाय के रूप में काम करती हैं, जिससे संभावित खतरों पर तुरंत अलर्ट हो जाते हैं. सेक्स वर्कर समय सीमा लगने से अपनी कमाई में कमी आने की चिंता जता रहे हैं.

बढ़ता टूरिज्म एक बड़ी समस्या

एम्सटर्डम उन यूरोपीय शहरों में शामिल है, जहां पर्यटन चरम पर पहुंचा हुआ है. यहां हर साल करीब दो करोड़ टूरिस्ट आते हैं. मेयर फेमके हल्सेमा के मुताबिक, यह संख्या 2025 तक बढ़कर करीब तीन करोड़ पहुंच सकती है. यहां ओवरनाइट होटल स्टे 2006 में 80 लाख से बढ़कर 2016 में 1.4 करोड़ पहुंच गया. 2021 में सिटी ने और विजिटर्स को आने से रोकने के लिए दो करोड़ की सीमा तय कर दी थी. एम्स्टर्डम में वैन गॉग म्यूजियम, रिज्क्स म्यूजियम और ऐन फ्रैंक हाउस जैसे कई बड़े पर्यटक आकर्षण मौजूद हैं. यहां मौजूद 17वीं शताब्दी के टाउनहाउस और नहरें यूनेस्को की हेरिटेज साइट्स में शामिल हैं.

दिक्कत ये है कि बीते दशक में जिन कुछ जगहों का ओवर एक्सपोज हुआ उनमें रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट भी शामिल है. इसके साथ आई चुनौतियों का सामना करने में स्थानीय लोगों और सरकार को संघर्ष करना पड़ रहा है. सरकार इस समस्या से निपटने के लिए टूरिज्म इंडस्ट्री में नए बदलाव लाना चाह रही है. एम्सटर्डम नॉर्थ में इससे जुड़ी योजनाएं विकसित करने में अर्बन टूरिज्म लैब नगर पालिका, कार्यकर्ताओं और बाकी हितधारकों की मदद कर रही है. इससे अतिपर्यटन से जूझते शहरों में सकारात्मक बदलावों की रणनीति निकल सकती है.

सबसे सुंदर और मन को लुभाने वाली डल झील…

सबसे सुंदर और मन को लुभाने वाली

डल झील…

डल लेक भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के श्रीनगर शहर में स्थित हैं। जोकि पर्यटक के लिहाज से एक खूबसूरत और रमणीय स्थल हैं। डल झील के आकर्षण में सबसे अधिक लौकप्रिय श्रीनगर में देखे जाने वाला शिकारा हैं। सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में पहचान मिलने वाला यह शिकारा एक नाव हैं। जोकि दोनों सिरों पर नुकीली होती हैं और ऊपर से कैनोपी लगी होती हैं। शिकारा का उपयोग स्थानीय निवासी परिवहन के रूप में करते हैं। शिकारा के  माध्यम से झील के किनारे सामानों को एक छोर से दूसरे छोर पर ले जाया जाता हैं। पर्यटक शिकारा की सवारी करके आनंदित महसूस करते हैं। यहां का झील बाजार खरीदारी के लिए मुख्य आकर्षण हैं और झील के बीचो-बीच कई दुकाने हैं। हाथ के बने झुमके, लकड़ी की कलाकृति और केसर यहां मिल जाते हैं।

 

डल झील श्रीनगर का गहना मानी जाती है। २६ वर्ग किलोमीटर में फैली यह झील पृथ्वी पर स्वर्ग की तरह है। यह सुंदर हरे भरे पहाड़ों के बीच में स्थित है। शिकारा नाव की सवारी, हाउस बोट और झील के बाजार जैसी सुविधाएं इस जगह को पर्यटकों के बीच पसंदीदा बनाती हैं। श्रीनगर हमेशा गर्मियों में घूमने के लिए एक सुखद स्थान रहा है। इसलिए यह मुगलों और अंग्रेजों की पसंदीदा जगहों में से एक है। डल झील पर हाउस बोट का आनंद पर्यटक ले सकते हैं।

बता दें कि डल झील पर हाउस बोट की अवधारणा अंग्रेजों के दिमाग के उपज थी, जिसने पर्यटन को बढ़ावा दिया। जब कभी भी आप श्रीनगर की यात्रा करने की योजना बनाए तो अपनी लिस्ट में डल झील को सबसे पहले प्राथमिकता दें। क्योंकि यहां सबसे सुंदर और मन को लुभाने वाली अगर कोई झील है, तो वह है डल झील। 

डल झील में पानी के आकर्षण में हाउसबोट है स्थिर नौकाएं हैं। जोकि झील घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए आवास के रूप में उपयोग की जाती हैं। हाउसबोट्स डल झील के मनोरम दृश्य के साथ-साथ झील के नजदीक के पहाड़ों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते है। लकड़ी की बनी यह जटिल नक्काशी और पुष्प की आकृति की होती हैं। पर्यटन विभाग द्वारा वर्गीकृत किए जाने वाली यह हाउसबोट्स एक साधारण कमरे के चक्कर से लेकर विशाल आलीशान सुइट्स तक हो सकते हैं। इनके अंदरूनी भाग को कश्मीरी क्रिस्टल झूमर, कालीन और आलीशान फर्नीचर के साथ सुंदर ढंग से सजाया जाता हैं। डल झील में स्थित हाउसबोट्स का सही मजा घर से पकाए गए स्वादिष्ट भोजन, वाई-फाई, गर्म टब जैसी सुविधा के लिए खास हैं।

डल झील के आसपास के पहाड़ों की सरस सुंदरता के साथ-साथ झील के पानी का तेज प्रवाह और उसकी आवाज देखने लायक होती हैं। डल लेक से सनराइज और सनसेट का नजारा मन्त्र मुग्ध कर देने वाला होता हैं। डल झील पर वीडियो बनाना और फोटोग्राफी करना लोगो की पसंदीदा गतिविधियों में से एक हैं।

डल झील घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मई से लेकर नवम्वर महीने का माना जाता हैं। क्योंकि मानसून के मौसम में झील विकराल रूप देखने को मिलता हैं।

डल झील पर्यटकों के लिए सुबह ६ बजे से शाम के ६ बजे (सूर्यादय से सूर्यास्त तक) तक खुली रहती हैं।

डल लेक में लगने वाली एंट्री फीस की जानकरी यथास्थान पहुंच कर ही पता चलेगा और हो सकता हैं पर्यटकों के लिए यह प्रâी भी हो।

इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन

डल झील की यात्रा के दौरान यहां का मशहूर ट्यूलिप गार्डन देखना ना भूलें। यहां पर ट्यूलिप के रंग-बिरंगे खेत नजर आते हैं। वाकई में यह गार्डन पर्यटकों को ट्यूलिप की अलग ही दुनिया में ले जाता है।

चार चिनार

डल लेक के आकर्षण में चार चिनार श्रीनगर में एक सुंदर द्वीप है, जहां पर्यटक सुंदर और प्राचीन चिनार के पेड़ देख सकते हैं। अगर इस द्वीप का सुंदर दृश्य देखना है तो शिकारा की सवारी करना ना भूलें।

वुलर झील

एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक, वुलर झील की प्राचीन सुंदरता भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के बांदीपोरा जिले में है। वर्ष भर राजसी झील पर्यटकों को आकर्षित करती है। हालांकि जब इस झील में पानी एकत्रित होता है। तो यहां वॉटर स्पोर्ट्स, वॉटर स्कींग जैसे एक्टीविटीज आयोजित होती हैं।

मुगल गार्डन 

डाल झील के पर्यटन स्थलों में सुमार मुगल गार्डन श्रीनगर के सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटक आकर्षणों में से एक है। मुगल शासन के दौरान मुगलों ने फारसी वास्तुकला में कई प्रकार के उद्यानों का निर्माण करना शुरू किया और इन उद्यानों के संयोजन को ही मुगल गार्डन कहा जाता है। हरे भरे घास और सुगंधित फूलों से भरी जगह की प्राकृतिक सुंदरता एक स्ट्रेस बूस्टर की तरह है। श्रीनगर में मुगल गार्डन में निशात बाग, शालीमार बाग, चश्मे शाही, परी महल, अचबल और वेरीनाग गार्डन शामिल हैं।

निशात बाग

डल झील के पास स्थित निशात बाग एक १२ सीढ़ीदार बाग है जिसमें फूलों और सुंदर पेड़ लगे हैं। यह शालीमार बाग के बाद कश्मीर घाटी में दूसरा सबसे बड़ा मुगल उद्यान है। इसमें कई फव्वारों के साथ एक शानदार मुगल केंद्रीय वॉटर चैनल है, जो चिनार के ऊंचे पेड़ों से घिरा हुआ है। बाग को १६३३ में आसिफ खान द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था। यहां से आप डल झील का शानदार नजारा देख सकते हैं। आज निशात उद्यान श्रीनगर घाटी के ऐतिहासिक और लोकप्रिय स्थलों में से एक है।

शालीमार बाग

डल झील के आकर्षण में शामिल शालीमार बाग का निर्माण वर्ष १६१९ में मुगल बादशाह जहाँगीर ने अपनी प्यारी पत्नी नूरजहाँ के लिए किया था। शालीमार ’शब्द एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है प्यार का वास’ और इसे फैज बक्श और फराह बख्श जैसे कई अन्य नामों से जाना जाता है। यह जगह दुनिया भर के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।

युसमर्ग

श्रीनगर में युसमर्ग एक दर्शनीय स्थल है। यह एक छोटा सा हिल स्टेशन है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। इसे मिनी हिल स्टेशन भी कहा जाता है और यह एक बहुत ही रोमांटिक जगहों में से एक है। श्रीनगर से ४७ किलोमीटर की दूरी पर स्थित युसमर्ग को स्विटजरलैंड भी कहा जा सकता है।

जामिया मस्जिद

श्रीनगर शहर के केंद्र में नौहट्टा में स्थित, जामिया मस्जिद एक प्रसिद्ध मस्जिद है। जोकि ६०० साल से अधिक पुरानी है। यह कहा जा सकता है कि जामिया मस्जिद का इतिहास कश्मीर के राजनीतिक उत्थान के इतिहास का प्रतिबिंब है। मस्जिद का निर्माण सुल्तान सिकंदर शाह कश्मीरी शाहमीर ने १३९४ में मीर मोहम्मद हमदानी के आदेश के तहत किया था। जो सैद-उल-औलिया मीर सैय्यद अली हमदानी के बेटे थे।

चिनार पार्क

डल झील के पर्यटन स्थलों में चिनार पार्क श्रीनगर में मशहूर पर्यटन स्थल है। यहां जाने पर आप तीन द्वीप, म्यूजिकल फाउंटेन, चिनार के पेड़, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ झूलों और ओपन थिएटर का भी आनंद ले सकते हैं। अच्छी बात यह है कि यहां तैराकी, कैंपिंग का आनंद भी लिया जा सकता है।

दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान

डल झील का आकर्षण दाचीगम नेशनल पार्क श्रीनगर का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला पर्यटक स्थल है। यहां पर आप तेंदुए, कस्तूरी मृग, पहाड़ी लोमड़ी, सियार, हिमालयन काले भालू, हिमालयन ग्रे लंगूर, औटर को देख सकते हैं। साहित्यिक रूप से शुरू में कस्बे की पेयजल आपूर्ति का ध्यान रखने के लिए दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था।

अनंतनाग

अनंतनाग में गर्म झरनों, झीलों, मंदिरों की भरमार है। यह स्थान अपनी धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता है और यहां ऐसे मंदिर हैं जो हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म से सम्बंधित हैं। यहाँ मशहूर मंदिरों में हज़रत बाबा राशी, गोस्वामी गुंड आश्रम, शिल्पग्राम मंदिर, खन्ना बरनैन त्रिपुंडुंदरी अस्तापन देवसर, नीला नाग हैं। अनंतनाग पर्यटन स्थल डल झील के पर्यटन स्थलों में से एक हैं। लोकप्रिय जगहों में से एक है। बैकड्रॉप में डल झील के साथ, यह जगह पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बेहद लुभाती है, क्योंकि यहां लुभावनी वादियों के बीच लोग यहां कुछ समय बिता सकते हैं।

 

 

सबसे सुंदर और मन को लुभाने वाली डल झील…

डल लेक भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के श्रीनगर शहर में स्थित हैं। जोकि पर्यटक के लिहाज से एक खूबसूरत और रमणीय स्थल हैं। सबसे सुंदर और मन को लुभाने वाली डल झील… डल झील के आकर्षण में सबसे अधिक लौकप्रिय श्रीनगर में देखे जाने वाला शिकारा हैं। सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में पहचान मिलने वाला यह शिकारा एक नाव हैं। जोकि दोनों सिरों पर नुकीली होती हैं और ऊपर से कैनोपी लगी होती हैं। शिकारा का उपयोग स्थानीय निवासी परिवहन के रूप में करते हैं। शिकारा के माध्यम से झील के किनारे सामानों को एक छोर से दूसरे छोर पर ले जाया जाता हैं। पर्यटक शिकारा की सवारी करके आनंदित महसूस करते हैं। यहां का झील बाजार खरीदारी के लिए मुख्य आकर्षण हैं और झील के बीचो-बीच कई दुकाने हैं। हाथ के बने झुमके, लकड़ी की कलाकृति और केसर यहां मिल जाते हैं।

डल झील श्रीनगर का गहना मानी जाती है। २६ वर्ग किलोमीटर में फैली यह झील पृथ्वी पर स्वर्ग की तरह है। सबसे सुंदर और मन को लुभाने वाली डल झील… यह सुंदर हरे भरे पहाड़ों के बीच में स्थित है। शिकारा नाव की सवारी, हाउस बोट और झील के बाजार जैसी सुविधाएं इस जगह को पर्यटकों के बीच पसंदीदा बनाती हैं। श्रीनगर हमेशा गर्मियों में घूमने के लिए एक सुखद स्थान रहा है। इसलिए यह मुगलों और अंग्रेजों की पसंदीदा जगहों में से एक है। डल झील पर हाउस बोट का आनंद पर्यटक ले सकते हैं।
बता दें कि डल झील पर हाउस बोट की अवधारणा अंग्रेजों के दिमाग के उपज थी, जिसने पर्यटन को बढ़ावा दिया। जब कभी भी आप श्रीनगर की यात्रा करने की योजना बनाए तो अपनी लिस्ट में डल झील को सबसे पहले प्राथमिकता दें। क्योंकि यहां सबसे सुंदर और मन को लुभाने वाली अगर कोई झील है, तो वह है डल झील।
डल झील में पानी के आकर्षण में हाउसबोट है स्थिर नौकाएं हैं। जोकि झील घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए आवास के रूप में उपयोग की जाती हैं। हाउसबोट्स डल झील के मनोरम दृश्य के साथ-साथ झील के नजदीक के पहाड़ों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते है। लकड़ी की बनी यह जटिल नक्काशी और पुष्प की आकृति की होती हैं। पर्यटन विभाग द्वारा वर्गीकृत किए जाने वाली यह हाउसबोट्स एक साधारण कमरे के चक्कर से लेकर विशाल आलीशान सुइट्स तक हो सकते हैं। इनके अंदरूनी भाग को कश्मीरी क्रिस्टल झूमर, कालीन और आलीशान फर्नीचर के साथ सुंदर ढंग से सजाया जाता हैं। डल झील में स्थित हाउसबोट्स का सही मजा घर से पकाए गए स्वादिष्ट भोजन, वाई-फाई, गर्म टब जैसी सुविधा के लिए खास हैं।
डल झील के आसपास के पहाड़ों की सरस सुंदरता के साथ-साथ झील के पानी का तेज प्रवाह और उसकी आवाज देखने लायक होती हैं। डल लेक से सनराइज और सनसेट का नजारा मन्त्र मुग्ध कर देने वाला होता हैं। डल झील पर वीडियो बनाना और फोटोग्राफी करना लोगो की पसंदीदा गतिविधियों में से एक हैं।
डल झील घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मई से लेकर नवम्वर महीने का माना जाता हैं। क्योंकि मानसून के मौसम में झील विकराल रूप देखने को मिलता हैं।

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डल झील पर्यटकों के लिए सुबह ६ बजे से शाम के ६ बजे (सूर्यादय से सूर्यास्त तक) तक खुली रहती हैं।
डल लेक में लगने वाली एंट्री फीस की जानकरी यथास्थान पहुंच कर ही पता चलेगा और हो सकता हैं पर्यटकों के लिए यह प्रâी भी हो।
इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन
डल झील की यात्रा के दौरान यहां का मशहूर ट्यूलिप गार्डन देखना ना भूलें। यहां पर ट्यूलिप के रंग-बिरंगे खेत नजर आते हैं। वाकई में यह गार्डन पर्यटकों को ट्यूलिप की अलग ही दुनिया में ले जाता है।
चार चिनार
डल लेक के आकर्षण में चार चिनार श्रीनगर में एक सुंदर द्वीप है, जहां पर्यटक सुंदर और प्राचीन चिनार के पेड़ देख सकते हैं। अगर इस द्वीप का सुंदर दृश्य देखना है तो शिकारा की सवारी करना ना भूलें।
वुलर झील
एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक, वुलर झील की प्राचीन सुंदरता भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के बांदीपोरा जिले में है। वर्ष भर राजसी झील पर्यटकों को आकर्षित करती है। हालांकि जब इस झील में पानी एकत्रित होता है। तो यहां वॉटर स्पोर्ट्स, वॉटर स्कींग जैसे एक्टीविटीज आयोजित होती हैं।
मुगल गार्डन
डाल झील के पर्यटन स्थलों में सुमार मुगल गार्डन श्रीनगर के सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटक आकर्षणों में से एक है। मुगल शासन के दौरान मुगलों ने फारसी वास्तुकला में कई प्रकार के उद्यानों का निर्माण करना शुरू किया और इन उद्यानों के संयोजन को ही मुगल गार्डन कहा जाता है। हरे भरे घास और सुगंधित फूलों से भरी जगह की प्राकृतिक सुंदरता एक स्ट्रेस बूस्टर की तरह है। श्रीनगर में मुगल गार्डन में निशात बाग, शालीमार बाग, चश्मे शाही, परी महल, अचबल और वेरीनाग गार्डन शामिल हैं।
निशात बाग
डल झील के पास स्थित निशात बाग एक १२ सीढ़ीदार बाग है जिसमें फूलों और सुंदर पेड़ लगे हैं। यह शालीमार बाग के बाद कश्मीर घाटी में दूसरा सबसे बड़ा मुगल उद्यान है। इसमें कई फव्वारों के साथ एक शानदार मुगल केंद्रीय वॉटर चैनल है, जो चिनार के ऊंचे पेड़ों से घिरा हुआ है। बाग को १६३३ में आसिफ खान द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था। यहां से आप डल झील का शानदार नजारा देख सकते हैं। आज निशात उद्यान श्रीनगर घाटी के ऐतिहासिक और लोकप्रिय स्थलों में से एक है।
शालीमार बाग
डल झील के आकर्षण में शामिल शालीमार बाग का निर्माण वर्ष १६१९ में मुगल बादशाह जहाँगीर ने अपनी प्यारी पत्नी नूरजहाँ के लिए किया था। शालीमार ’शब्द एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है प्यार का वास’ और इसे फैज बक्श और फराह बख्श जैसे कई अन्य नामों से जाना जाता है। यह जगह दुनिया भर के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
युसमर्ग
श्रीनगर में युसमर्ग एक दर्शनीय स्थल है। यह एक छोटा सा हिल स्टेशन है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। इसे मिनी हिल स्टेशन भी कहा जाता है और यह एक बहुत ही रोमांटिक जगहों में से एक है। श्रीनगर से ४७ किलोमीटर की दूरी पर स्थित युसमर्ग को स्विटजरलैंड भी कहा जा सकता है।
जामिया मस्जिद
श्रीनगर शहर के केंद्र में नौहट्टा में स्थित, जामिया मस्जिद एक प्रसिद्ध मस्जिद है। जोकि ६०० साल से अधिक पुरानी है। यह कहा जा सकता है कि जामिया मस्जिद का इतिहास कश्मीर के राजनीतिक उत्थान के इतिहास का प्रतिबिंब है। मस्जिद का निर्माण सुल्तान सिकंदर शाह कश्मीरी शाहमीर ने १३९४ में मीर मोहम्मद हमदानी के आदेश के तहत किया था। जो सैद-उल-औलिया मीर सैय्यद अली हमदानी के बेटे थे।

चिनार पार्क
डल झील के पर्यटन स्थलों में चिनार पार्क श्रीनगर में मशहूर पर्यटन स्थल है। यहां जाने पर आप तीन द्वीप, म्यूजिकल फाउंटेन, चिनार के पेड़, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ झूलों और ओपन थिएटर का भी आनंद ले सकते हैं। अच्छी बात यह है कि यहां तैराकी, कैंपिंग का आनंद भी लिया जा सकता है।
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान
डल झील का आकर्षण दाचीगम नेशनल पार्क श्रीनगर का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला पर्यटक स्थल है। यहां पर आप तेंदुए, कस्तूरी मृग, पहाड़ी लोमड़ी, सियार, हिमालयन काले भालू, हिमालयन ग्रे लंगूर, औटर को देख सकते हैं। साहित्यिक रूप से शुरू में कस्बे की पेयजल आपूर्ति का ध्यान रखने के लिए दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था।
अनंतनाग
अनंतनाग में गर्म झरनों, झीलों, मंदिरों की भरमार है। यह स्थान अपनी धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाना जाता है और यहां ऐसे मंदिर हैं जो हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म से सम्बंधित हैं। यहाँ मशहूर मंदिरों में हज़रत बाबा राशी, गोस्वामी गुंड आश्रम, शिल्पग्राम मंदिर, खन्ना बरनैन त्रिपुंडुंदरी अस्तापन देवसर, नीला नाग हैं। अनंतनाग पर्यटन स्थल डल झील के पर्यटन स्थलों में से एक हैं।

अजंता एवं एलोरा की गुफाऐं:प्राचीनता की शोभा

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थिल अजंता और एलोरा की गुफाएं एक-दूसरे से करीब सौ किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन अपनी महत्वता की वजह से इन दोनों का नाम हमेशा साथ में लिया जाता है। बड़े-बड़े पहाड़ और चट्टानों को काटकर बनाई गई ये गुफाएं वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। अजंता की गुफाओं में अधिकांश दीवारों पर बौद्ध धर्म से जुड़ी नक्काशी की गई है। जबकि एलोरा की गुफाओं में मौजूद वास्तुकला और मूर्तियां बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म से जुड़ी हुई हैं। अजंता पूरे तीस गुफाओं का समूह है जिसे घोड़े की नाल के आकार में पहाड़ों को काटकर बनाया गया है। और इसकी सामने वाघोरा नदी बहती है। गुफाओं के पास मौजूद गांव अजंता के नाम पर इन गुफाओं का नाम पड़ा। अजंता केव्स में जहां ३० गुफाओं का समूह है वहीं एलोरा की गुफाओं में ३४ मोनैस्ट्रीज और मंदिर हैं जो पहाड़ के किनारे पर करीब २ किलोमीटर के हिस्से में फैला हुआ है। इन गुफाओं का निर्माण ५वीं और १०वीं शताब्दी के बीच किया गया था। एलोरा की गुफाओं में मौजूद मंदिर हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म को समर्पित है। यहां की ज्यादातर सरंचनाओं में विहार और मोनैस्ट्रीज हैं। इनमें बुद्धिस्ट केव जिसे विश्वकर्मा केव कहते हैं यह सबसे ज्यादा फेमस है।

ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर जॉन स्मिथ और उनकी टीम नेअजंता-एलोरा गुफाओं की खोज  की थी। दरअसल १८१९ में वे यहां शिकार करने आए थे। तभी उन्हें २९ गुफाएं नजर आई। इसके बाद ही इन गुफाओं की कहानी दुनिया के सामने आईं। ये गुफाएं बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। अजंता की गुफाओं की ज्यादातर दीवारों पर बौद्ध धर्म से जुड़ी नक्काशी मिलती है, जबकि एलोरा की गुफाओं में बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म से जुड़ी वास्तुकला और मूर्तियां हैं। अजंता में ३० गुफाएं हैं। घोड़े की नाल के आकार में पहाड़ों को काटकर इन गुफाओं को बनाया गया है। इन गुफाओं के सामने से वाघोरा नदी बहती है। यहीं पास में अजंता नाम का एक गांव है, जिसके नाम पर इन गुफाओं का नाम रखा गया है। अजंता की गुफाओं में दीवारों पर अप्सराओं और राजकुमारियों की अलग-अलग मुद्राओं में चित्र उकेरे गए हैं। इन गुफाओं के एक भाग में बौद्ध धर्म के हीनयान और दूसरे भाग में महायान संप्रदाय की झलक दिखाई देती है। १९वीं शताब्दी की इन गुफाओं में बौद्ध भिक्षुओं की मूर्तियां और चित्र हैं।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में अजंता और एलोरा की गुफाएं हैं। बड़े-बड़े पहाड़ और चट्टानों को काटकर इन्हें बनाया गया है। इनकी कारीगरी वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। वैसे तो ये गुआएं एक-दूसरे से करीब १०० किलोमीटर की दूरी पर हैं लेकिन इनका महत्व, इनकी सुंदरता, इनकी बनावट, इनकी विरासत करीब-करीब एक समान है, जिसके कारण इन दोनों गुफाओं का नाम हमेशा एक साथ ही लिया जाता है। अजंता-एलोरा की गुफाओं को १९८३ में वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल किया गया था। आर्कियोलॉजिस्ट की एक रिसर्च के मुताबिक, इन गुफाओं का निर्माण करीब ४००० साल पहले हुआ था। इन गुफाओं को बनाने उस वक्त कौन सी तकनीक इस्तेमाल में लाई गई होगी, यह रहस्य ही है। अनुमान है कि अजंता-एलोरा की गुफाएं लगभग ४० लाख टन की चट्टानों से मिलकर बनाई गई है।

प्राचीन काल में बनाई गई ये गुफा कडे़ परिश्रम का नतीजा है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर के रूप में रखा है। भारत में पर्यटन स्थल लोगों को हमेशा अपनी ओर आकर्षित करने में तत्पर रहते हैं। ऐसी अनोखी गुफा आपको मंत्रमुग्ध किए बिना मानेगी नहीं और आप यहाँ आने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।

घूमने का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च

कैसे पहुँचे:

हवाई मार्ग से: गुफाएं औरंगाबाद हवाई अड्डे से लगभग १०० किमी दूर हैं, जो भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

ट्रेन द्वारा: जलगांव रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो ६० किमी की दूरी पर स्थित है। यदि आप सोच रहे हैं कि मुंबई और देश के अन्य शहरों से अजंता एलोरा गुफाओं में यात्रा करने के लिए पहुंच सकते है।

सड़क मार्ग द्वारा: मुंबई, हैदराबाद, औरंगाबाद और अहमदाबाद जैसे विभिन्न पड़ोसी स्थानों से सड़क मार्ग द्वारा औरंगाबाद आसानी से पहुंचा जा सकता है।

औसत तापमान:३७ डिग्री सेल्सियस

नीलगिरी की पहाडिय़ों में बसा कुन्नूर

कूनूर एक प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर छोटा शहर है जो तमिलनाडु राज्य, भारत में स्थित है। यह शहर नीलगिरी पहाड़ियों के हृदय में स्थित है और एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। कूनूर, ऊटी के पास स्थित है और इसकी शांति, हरा-भरा वातावरण और मालया पहाड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में ये दक्षिण का एक जाना माना पिकनिक स्पॉट बन चुका है। यहां आपको कई फॉल्स भी देखने को मिल जाएंगे, जो असल में आप देखना पसंद करते हैं। घने जंगलों में घिरा हुआ यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है, जहां शांति और सुकून के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा।

तमिलनाडु में स्थित कुन्नूर ऊटी के पास में तो है ही, इसके साथ ही ये कोयम्बटूर से भी मात्र ७० किमी. की दूरी पर स्थित है, जो अपनी हरी-भरी वादियों से लोगों को आकर्षित करती है। वर्तमान समय में ये दक्षिण का एक जाना माना पिकनिक स्पॉट बन चुका है। यहां आपको कई फॉल्स भी देखने को मिल जाएंगे, जो असल में आप देखना पसंद करते हैं। घने जंगलों में घिरा हुआ यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है, जहां शांति और सुकून के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। यहां आसपास में भी कई ऐसे घूमने वाले स्थान है, जहां घूमने के लिए जाया जा सकता है।
यदि आप पूरे कुन्नूर का मनोरम दृश्य प्राप्त करना चाहते हैं और सूर्याेदय और सूर्यास्त का आनंद लेना चाहते हैं, तो लैंब रॉक पर जाना यकीनन काफी अच्छा रहेगा। सर्दियों के मौसम में यात्रा करते समय यह धुंध से भर जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि आपको लैंब रॉक पर जाने से पहले तापमान के स्तर पर ध्यान देना चाहिए। हिडल वैली कुन्नूर में घूमने की बेहतरीन जगहों में से एक है। कुन्नूर के बाहरी इलाके में हरियाली पर बसे, यह जगह एडवेंचर्स पसंद लोगों के लिए एक बेहतरीन जगह है। पर्वतारोहण, रॉक क्लाइम्बिंग और ट्रेकिंग, हिडन वैली के अन्य आकर्षण हैं। वेलिंगटन गोल्फ कोर्स के बाहर और सिम के फॉल्स के पास, घाटी परिवारों के लिए एक आदर्श पिकनिक स्थल और जोड़ों के लिए एक रोमांटिक स्थान है। फूलों की बहुत सारी विदेशी प्रजातियां हैं, जो पूरे देश के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। वैसे तो इस पार्वâ की खूबसूरती देखते ही बनती है, लेकिन मई के माह में यहां जाना सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि कुन्नूर सिम के पार्वâ में मई में फ्लावर शो आयोजित किया जाता है। यह कुन्नूर में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। आज के समय में यह एक प्रसिद्ध वनस्पति उद्यान है। कैथरीन फॉल्स सबसे अच्छे कुन्नूर आकर्षणों में से एक है, जिसे हर पर्यटक को देखना चाहिए। यह ट्रेकिंग के लिए अद्भुत ट्रेल्स प्रदान करता है।