भारत के अगले मंगल मिशन में एक हेलीकॉप्टर शामिल हो सकता है जो नासा के इनजेनिटी ड्रोन के नक्शेकदम पर काम करेगा। मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर भेजने की तैयारी में भारत , अगर भारत अपने इस मिशन को पुराने मंगल मिशन की ही तरह कामयाब बनाता है, तो एक बार फिर से इसरो (ISRO) इतिहास रच देगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) फिलहाल इस थ्योरी पर काम कर रहा है और ISRO के प्लान के मुताबिक, साल 2030 से पहले तक भारतीय लैंडर को मंगल ग्रह पर उतारने और उड़ान भरने के लिए तेजी से काम चल रहा है।
लाल ग्रह पर भारत का पहला मिशन – मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम), जिसे “मंगलयान” भी कहा जाता है, वो नवंबर 2013 में लॉन्च किया गया था और सितंबर 2014 में मंगलयान, मंगल ग्रह की कक्षा में कामयाबी के साथ प्रवेश कर गया। करीब आठ सालों तक लगातार रिसर्च करने के बाद भारतीय मंगलयान साल 2022 में नष्ट हो गया।
लेकिन, इसरो का अगला मिशन मंगल काफी मुश्किल और महत्वाकांक्षी है। रिपोर्ट के मुताबिक, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के वैज्ञानिक जयदेव प्रदीप ने हाल ही में एक वेबिनार के दौरान कहा, कि मंगल ग्रह पर लैंडिंग मिशन के लिए नियोजित हेलीकॉप्टर, ग्रह के हवाई रिसर्च के लिए पेलोड का एक सूट ले जाएगा।