व्यक्तित्व
मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन
रतन टाटा का 86 की उम्र में निधन:तिरंगे में लपेटकर पार्थिव शरीर नरीमन पॉइंट लाया गया, यहीं शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया है। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके आवास पर ले जाया गया।
रतन टाटा के जीवन की प्रमुख घटनाओं की समयरेखा-
1937:
रतन टाटा का जन्म हुआ
1955:
कॉर्नेल विश्वविद्यालय से सात वर्ष की अवधि तक वास्तुकला और इंजीनियरिंग का अध्ययन किया
1962:
वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की
रतन टाटा ने
1975
में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया
1962
में रतन टाटा को टाटा समूह की प्रवर्तक कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज में नौकरी का प्रस्ताव मिला
रतन टाटा
1991
से
28 दिसंबर 2012
को अपनी सेवानिवृत्ति तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष रहे
रतन टाटा के कार्यकाल के दौरान समूह का राजस्व कई गुना बढ़ा, सेवानिवृत्ति के बाद, रतन टाटा को टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया
रतन टाटा भारत और विदेशों में विभिन्न संगठनों से भी जुड़े हुए रहे, रतन टाटा मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन और जेपी मॉर्गन चेस के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्डों में भी शामिल रहे
2008
में रतन टाटा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया
दिसंबर 2012: टाटा समूह में 50 वर्षों तक रहने के बाद टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटे
किस बीमारी से ग्रसित हैं अनंत अंबानी

Anant Ambani: भारतीय बिजनेस टाइकून मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। वे अपनी मंगेतर से शादी करने वाले हैं। किस बीमारी से ग्रसित हैं अनंत अंबानी, प्री वेडिंग फंक्शन के बाद अनंत अंबानी काफी सुर्खियों में हैं। अनंत अंबानी अपनी बीमारी और वजन को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी बचपन से ही अस्थमा नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। अस्थमा के इलाज के लिए उन्हें स्टेरॉयड का हेवी डोज देना पड़ता है। जिसकी वजह से उनका वजन बढ़ता है। उनकी लाख कोशिश के बाद भी उनका वजन कम नहीं होता है। क्योंकि वह गंभीर अस्थमा पेशेंट हैं।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महज 18 महीने में अनंत अंबानी ने 108 किलो वजन कम कर लिया था। उस वक्त (2016 में) अनंत अंबानी का वजन 208 किलो था। किस बीमारी से ग्रसित हैं अनंत अंबानी, उन्होंने कड़ी मेहनत से 108 किलो वजन कम कर लिया था। लेकिन कुछ ही समय बाद अनंत का वजन फिर से बढ़ने लगा। और वह फिर से मोटापे का शिकार हो गए। क्या है इस बीमारी का इलाज अस्थमा का कोई परमानेंट उपचार नहीं है। इसके प्रभाव को कम करने के लिए स्टेरॉयड देने पड़ते हैं। आमतौर पर इनहेलर या टैबलेट दिया जाता है। एनाल्जेसिक दवाई तुरंत काम कर लक्षणों को कम करते हैं। बीमारी की गंभीरता के हिसाब से दवाई की डोज को एडजस्ट करके बी अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी के क्या लक्षण हैं सांस लेने में समस्या होती है। सांस छोड़ते वक़्त व्हीज़िंग होती है। सीने में दबाव महसूस कर सकते हैं। अनंत अंबानी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया है। वे रिलायंस इंड्स्ट्री का काम संभाल रहे हैं। उन्होंने गुजरात के जामनगर में प्री वेडिंग फंक्शन आयोजित किया था। जिसमें सितारों का जमावड़ा लगा था।
नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और स्वामीनाथन को भारत रत्न

भारत सरकार ने चौंकाने वाले फैसले में एक साथ तीन भारत रत्न देने की घोषणा की है. फैसले के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान दिया जाएगा. नरेंद्र मोदी की सरकार ने आज जिन तीन लोगों को आज भारत रत्न देने का फैसला किया है, उनमें से दो – चौधरी चरण सिंह और एम. एस, स्वामीनाथन को अवार्ड देकर मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाने का प्रयास किया है. चौधरी चरण सिंह और डॉ. एमएस स्वामीनाथन का कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. था.
प्रो. अच्युत सामंत और उनके दो डीम्ड विश्वविद्यालय कीट-कीस शिक्षा
यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भुवनेश्वर स्थित कीट-कीस दो डीम्ड विश्वविद्यालयों के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो.अच्युत सामंत एक महान तथा दूरदर्शी शिक्षाविद् हैं जिन्होंने शिक्षा-जगत के वास्तविक भगीरथ बनकर १९९२-९३ में अपनी कुल जमा पूंजी मात्र पांच हजार रुपये से एक किराये के मकान में मात्र १२५ बच्चों से कीट-कीस की स्थापना की। वे अपने पुरुषार्थ तथा जगन्नाथ भगवान तथा हनुमान जी के आशीर्वाद से अपनी दोनों विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थाओं कीट-कीस को उत्कृष्ट शिक्षारुपी गंगा बना चुके हैं जहां से पूरे विश्व को मानवीय एकता का पावन संदेश जाता है। वास्तव में प्रो.अच्युत सामंत एक विलक्षण व्यक्तित्व ही नहीं अपितु एक सकारात्मक विचारधारा बन चुके हैं। और यही वह कारण है कि प्रो.अच्युत सामंत के विलक्षण व्यक्तित्व तथा उनके दो डीम्ड विश्वविद्यालयों कीट-कीस से वर्ल्ड इज वन की गंगा प्रवाहित है।
गत २५ फरवरी,२०२३ को कीट डीम्ड विश्वविद्यालय में द्वितीय विश्व नेतृत्व सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें सैकडों आईआईटी फैकेल्टी, सोशल साइंटिस्ट और बिजनेस लीडर्स के साथ-साथ कीट-कीस के लगभग ७०,००० बच्चे शामिल हुए। सम्मेलन में एक तरफ जहां कीट-कीस को केन्द्र में रखकर ‘वर्ल्ड इज वन’ पर सघन चर्चा हुई। वहीं सामाजिक समानता, न्याय, संस्कृति, नवाचार और अनेक समसामयिक मुद्दों पर भी सकारात्मक चर्चा हुई। अवसर पर सम्मानित अतिथि के रुप में पधारीं डॉ.नंदिता पाठक, संस्थापक निदेशिका उद्यमिता विद्यापीठ, जेपी फाउण्डेशन, एम.पी.ने अपने सारगर्भित ओजस्वी भाषण में उन्होंने महान शिक्षाविद् प्रो. अच्युत सामंत के द्वारा स्थापित कीट-कीस दो डीम्ड विश्वविद्यालय को शिक्षा का समन्दर बताया, भारत का वास्तविक चारों धाम बताया तथा कीट-कीस को वर्ल्ड इज वन बताया।
डॉ.नंदिता पाठक,सामाजिक कार्यकर्ता, युवा उद्योगपति तथा संस्थापक निदेशिका उद्यमिता विद्यापीठ,जेपी फाउण्डेशन,एम.पी.ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में प्रो.अच्युत सामंत को अपना आदर्श बताया जिन्हें वे पहली बार मंच पर देखीं। प्रो. सामंत को प्रणाम किया और संकल्पित भाव से अपने जीवन का आदर्श घोषित किया। प्रो अच्युत सामंत की स्वर्गीया मां नीलिमारानी सामंत को याद किया और उनके प्रति हार्दिक साधुवाद व्यक्त किया जिन्होंने प्रो.अच्युत सामंत जैसे दूरदर्शी तथा महानशिक्षाविद् जन्मा जो आज पूरे विश्व मानवता के आदर्श हैं। साथ ही साथ उन्होंने उपस्थित सभी से यह अपील की कि सभी आकर कीट-कीस को एक धाम मानकर डूबकी लगाएं।
उन्होने यह भी बताया कि कीस के प्राकृतिक सुरम्य वातावरण में प्रतिदिन बैठकर प्रो. सामंत जिस प्रकार विश्व को एक करने का प्रयास करते हैं, उनके दर्शन करें। वहीं कीट – कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो अच्युत सामंत डॉ नंदिता पाठक के प्रति आभार जताया तथा कीट-कीस परिपाटी के तहत उन्हें सम्मानित भी किया। प्रो सामंत ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों ने जो ज्ञान दिया है उसे हम साकार करें। हम एक ऐसे नूतन समाज का गठन करें जहां पर हमारी ताकत हमारी एकता में निहित हो। वह समाज सभी के लिए न्यायसंगत हो।
प्रो अच्युत सामंत ने कहा कि जी २० सदस्यता भी इस विषय का जश्न मनाती है और प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने मानव-केंद्रित वैश्वीकरण को रेखांकित भी किया है। उन्होंने यह भी कहा कि कीट- कीस परिसर की ‘दुनिया भी एक है’। यहां के विशालतम परिसर विविधता में एकता का संदेश देते हैं जहां पर भारतीय छात्र, विदेशी छात्र और आदिवासी क्षेत्रों के सामाजिक विकास से वंचित छात्र पूर्ण सौहार्दपूर्ण माहौल में रहकर अपने-अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करते हैं। सच तो यह है कि भारत को स्वावलंबी तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रो अच्युत सामंत उनकी शैक्षिक संस्थाएः कीट-कीस स्वावलंबी तथा आत्मनिर्भर बनकर समस्त भारतवासियों को अपनी-अपनी जगह पर स्वावलंबी तथा आत्मनिर्भर बनने का संदेश देतीं हैं और आगे भी देती रहेंगीं। आज कीट डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की पंक्ति में ८वें स्थान पर विराजमान है।
प्रस्तुतिःअशोक पाण्डेय,
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त